बीजिंग। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने 2017 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का लक्ष्य करीब 6.5 फीसदी रखा। चीन ने पिछले वर्ष 6.5 से 7 फीसदी का लक्ष्य रखा था। दूसरी ओर अक्टूबर- दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सात प्रतिशत रही है। वहीं, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि नोटबंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था की गति बनी रहेगी और देश अगले साल 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगा।
चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के वार्षिक सत्र के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ली क्विंग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, चीन वास्तविक आर्थिक कार्य में बेहतर परिणाम देगा। रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि का 6.5 फीसदी का लक्ष्य तय किया गया है।
वर्ष 2016 में चीन की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी। यह पिछले 26 साल का सबसे निचला स्तर था। 2015 में चीन की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही थी।
ली ने 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर के लक्ष्य का बचाव करते हुए कहा कि चीन के लिए सतत वृद्धि को कायम रखना जरूरी है जिससे रोजगार सुनिश्चित हो और लोगों का जीवन स्तर सुधर सके। इस साल के लिए चीन ने शहरी क्षेत्रों में 1.1 करोड़ रोजगार देने का लक्ष्य रखा है, जो 2016 की तुलना में 10 लाख अधिक है।
नौकरियों में भारी कटौती
- चीन ने हाल में पांच लाख नौकरियों में कटौती की घोषणा की थी और उन्हें अन्य स्थानों पर रोजगार देने का वादा किया था।
- प्रत्येक साल चीन में 70 लाख स्नातक रोजगार बाजार में आते हैं।
- ली ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी पर सतत वृद्धि दर्ज कर रही है।
- पिछले साल चीन का सकल घरेलू उत्पाद 74,400 अरब युआन या 11,000 डॉलर पर पहुंच गया, जो 6.7 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।