नई दिल्ली। चीन की आबादी 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़ी है, हालांकि अधिकारिक अनुमान के मुताबिक अगले साल तक इस संख्या में गिरावट आ सकती है। भले ही ये सकारात्मक संकेत लगे हालांकि चीन के लिये ये चिंता का विषय है, दरअसल जिस रफ्तार से चीन आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, उस हिसाब से स्थिर या घटती जनसंख्या से चीन को श्रमिकों की कमी हो सकती है।
कितनी है चीन की जनसंख्या
चीन की सरकार द्वारा मंगलवार को जारी सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है जो 2010 के आंकड़ों के मुकाबले 5.8 प्रतिशत या 7.2 करोड़ ज्यादा है। इन आंकड़ों में हांगकांग और मकाउ को शामिल नहीं किया गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के प्रमुख निंग जिझे ने जनगणना के आंकड़ों को यहां जारी करते हुए मीडिया को बताया, “आंकड़े दर्शाते हैं कि चीन ने पिछले दशक जनसंख्या वृद्धि की धीमी गति को बरकरार रखा।” अगले साल से इसमें गिरावट का अनुमान दिया गया है।
जनसंख्या में कमी से टेंशन में ड्रैगन
अमेरिका को पीछे छोड़ने के ख्वाब देख रहा ड्रैगन जनसंख्या में किसी अप्रत्याशित कमी से संभावित परिणामों से भी चिंतित है। दशकों से एक बच्चे की पॉलिसी की वजह से युवाओं और बुजुर्गों की संख्या में कोई बड़ा अंतर नहीं है। जिससे आने वाले समय में श्रमिकों की कमी के साथ साथ मांग और खपत पर भी असर पड़ेगा। एनबीएस द्वारा जारी नई जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन जिस संकट का सामना कर रहा था, उसके और गहराने की उम्मीद है, क्योंकि देश में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है जो पिछले साल के मुकाबले 18.7 प्रतिशत ज्यादा है। एनबीएस ने एक बयान में कहा कि जनसंख्या औसत आयु बढ़ने से दीर्घकालिक संतुलित विकास पर दबाव बढ़ेगा।
क्या पड़ेगा असर
जानकारी के अनुसार चीन में कामकाजी आबादी या 16 से 59 आयुवर्ग के लोग 88 करोड़ हैं। जो कि देश की मुख्य श्रम शक्ति में गिने जा सकते हैं, इसमें आई गिरावट से श्रम की लागत बढ़ सकती है। वहीं बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से कई तेज ग्रोथ सेक्टर की मांग पर भी असर देखने को मिल सकती है।
2027 तक भारत बन सकता है दुनिया सबसे आबादी वाला देश
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जून 2019 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जहां आबादी में कमी आएगी वहीं 2019 में 1.366 अरब की आबादी वाले भारत के 2027 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है।