नई दिल्ली। भारत सरकार ने विश्व बैंक समूह द्वारा दुनिया के देशों में ‘कारोबार सुगमता रैंकिंग रिपोर्ट’ का प्रकाशन बंद करने के फैसले को चीन की धोखाधड़ी का पर्दाफाश करार दिया है। इससे वैश्विक कंपनियों को अपना विनिर्माण स्थल भारत में स्थानांतरित करने के काम में तेजी आएगी। एक सरकारी सूत्र ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि विश्व बैंक समूह ने अनियमितताओं के आरोपों के बाद विभिन्न देशों में निवेश के माहौल से जुड़ी रिपोर्ट का प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है।
यह फैसला, 2017 में चीन की रैंकिंग को ऊपर करने की खातिर कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर दबाव डाले जाने के कारण हुई डेटा संबंधी अनियमितताओं के सामने आने के बाद लिया गया। सूत्र ने कहा कि भारतीय डेटा में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। भारत दुनिया के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य और एक विश्वसनीय, भरोसेमंद गंतव्य बना हुआ है जबकि चीन का आकर्षण कम हो रहा है।
सूत्र ने कहा कि चीन द्वारा की गई धोखाधड़ी से विनिर्माण कारखानों को भारत में स्थानांतरित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला की मजबूत करने जैसी बहुपक्षीय पहलों को बढ़ावा मिलेगा। अक्टूबर 2019 में जारी विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया था।
विश्व बैंक समूह ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि पिछली समीक्षाओं के निष्कर्षों, ऑडिट और बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से आज जारी रिपोर्ट सहित कारोबारी सुगमता पर अब तक उपलब्ध सभी सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद विश्व बैंक समूह प्रबंधन ने कारोबारी सुगमता रिपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है। बयान में कहा गया कि समूह विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका को आगे बढ़ाने और सरकारों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विश्व बैंक ने बयान में कहा कि आगे हम व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नए नजरिए पर काम करेंगे। हम अपने उन कर्मचारियों के प्रयासों के लिए अत्यधिक आभारी हैं, जिन्होंने व्यापार जलवायु एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रमपूर्वक काम किया है। हम उनकी ऊर्जा और क्षमताओं का नए तरीकों से उपयोग करने के लिए तत्पर हैं।
विश्व बैंक को कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2018 और 2020 में डेटा अनियमितताओं की जानकारी जून 2020 में आंतरिक रूप से पता चली थी। इसके बाद विश्व बैंक प्रबंधन ने अगली कारोबारी सुगमता रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया और इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा शुरू की। वर्ष 2020 की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में भारत ने 14 स्थान की छलांग लगाकर 63वां स्थान हासिल किया था। भारत ने पांच वर्षों (2014-19) में अपने वरीयता क्रम में 79 स्थानों का सुधार किया है।
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