नई दिल्ली। भले ही भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अपने सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया है फिर भी चीन के साथ तुलना करने पर अभी भी दोनों देशों के बीच जमीन-आसमान का अंतर है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 481.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, वहीं चीन का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी अंत में 31.067 खरब डॉलर रह गया। चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो द्वारा 7 मार्च को जारी आंकड़ों के हिसाब से फरवरी, 2020 तक चीन में विदेशी मुद्रा भंडार 31.067 खरब अमेरिकी डॉलर है, जिसमें 2020 के शुरुआती महीने की तुलना में 1.2 अरब डॉलर या 0.04 प्रतिशत की गिरावट आई है। कोरोनावायरस की वजह से यूएस डॉलर इंडेक्स में थोड़ी वृद्धि और प्रमुख देशों के बांड मूल्य में इजाफा होने की वजह से चीन के मुद्रा भंडार में यह गिरावट आई है।
चीन के प्रवक्ता वांग छोनिंग ने कहा कि फरवरी में चीन में विदेशी मुद्रा बाजार का प्रचलन आमतौर पर स्थिर रहा। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में कोविड-19 के प्रकोप, प्रमुख देशों की आर्थिक परिस्थिति और मुद्रा नीति आदि तत्वों से प्रभावित होकर अमेरिकी डॉलर के सूचकांक और प्रमुख देशों के बांड की कीमत में इजाफा हुआ है।
वांग ने कहा कि हालांकि महामारी से चीन की अर्थव्यवस्था पर कुछ असर पड़ेगा, फिर भी चीन के अर्थतंत्र की बुनियादी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। महामारी का प्रभाव अल्पकालिक है, जो आमतौर पर नियंत्रित किया जा सकता है। चीन के विदेशी मुद्रा बाजार का आधार मजबूत है, इसलिए विदेशी मुद्रा भंडार स्थिर रहने का अनुमान है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वकालिक ऊंचाई पर
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 5.42 अरब डॉलर बढ़कर 481.54 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। विदेशीमुद्रा आस्तियों में वृद्धि से सकल भंडार बढ़ा है। इससे पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 476.12 अरब डॉलर पर पहुंचा था।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 4.36 अरब डॉलर बढ़कर 445.82 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। इस दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 10.2 लाख डॉलर बढ़कर 30.38 अरब डॉलर हो गया। आलोच्य सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 50 लाख डॉलर घटकर 1.43 अरब डॉलर रह गया, जबकि आईएमएफ में देश की आरक्षित निधि 3.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 3.61 अरब डॉलर हो गई।