बीजिंग/नई दिल्ली। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार, जो दुनिया में सबसे बड़ा है, सितंबर में घटकर 3.2006 लाख करोड़ डॉलर रह गया। एक माह पहले की तुलना में चीन के विदेशी मुद्रा भंडार में 31.5 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है। स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (सेफ) ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में 0.97 प्रतिशत की कमी आई है।
सेफ के डिप्टी डायरेक्टर और प्रवक्ता वांग चुनियींग ने कहा कि सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार में जो कमी आई है वह करेंसी ट्रांसलेशन और असेट प्राइस में बदलाव का मिश्रित प्रभाव की वजह से है। वांग ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दोबारा प्रसार और प्रमुख देशों की मौद्रिक नीतियों से अपेक्षाओं, डॉलर इंडेक्स के बढ़ने जैसे कारकों की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि कमजोर गैर-डॉलर मुद्राओं और संपत्ति के मूल्य में बदलाव का भी चीन के विदेशी मुद्रा भंडार को घटाने में योगदान रहा है।
एलएनजी की कीमतें बढ़ने पर संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान में गैस संकट की स्थिति पैदा हो रही है, क्योंकि तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। देश में एलएनजी की कीमतें सर्दियों के मौसम से पहले एशियाई बाजार में 56.3 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पहले ही सितंबर में स्पॉट मार्केट से एलएनजी के दो कार्गो आयात कर चुका है, जो उस समय की रिकॉर्ड उच्च कीमत 20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया और वैश्विक स्पॉट मार्केट्स में एलएनजी की कीमतों पर पाकिस्तान का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि, यह उच्च कीमत से बचने और सर्दियों के दौरान वैकल्पिक समाधान अपनाने के लिए अगले कुछ महीनों के लिए ईंधन के आयात को कम कर सकता है। स्वतंत्र मैक्रो-अर्थशास्त्री अम्मार एच. खान ने कहा, "सर्दियों के मौसम के कारण दिसंबर-जनवरी तक वैश्विक स्तर पर एलएनजी की कीमत बढ़ सकती है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान पिछले तीन वर्षों से लगातार सर्दियों के मौसम में गैस संकट का सामना कर रहा है और वैश्विक एलएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से पता चलता है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के तहत लगातार चौथे वर्ष भी संकट पैदा होगा।
सर्दियों के मौसम में देश के अधिकांश हिस्सों में गैस की खपत बढ़ जाती है, क्योंकि तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने पर घरों में हीटर और गीजर चालू हो जाते हैं। स्थानीय क्षेत्रों से तेल और गैस के कम उत्पादन के कारण आयातित ऊर्जा पर पाकिस्तान की निर्भरता बढ़ रही है। खान ने कहा कि ठंडे इलाकों में रहने वाले लोग इस सर्दी में बिजली के हीटर और जनरेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि सरकार ने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बिजली के अतिरिक्त उपयोग पर 5-7 रुपये प्रति यूनिट की कमी की घोषणा की थी।
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