नई दिल्ली। चीन में सोने का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के कुल स्वर्ण भंडार में 4 प्रतिशत से अधिक यानी लगभग 83 टन सोना नकली है। चीन की जीरो हेज नाम की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के सबसे बड़े ज्वैलर्स में शामिल और नैस्डेक में सूचीबद्ध किंगोल्ड ज्वेलरी पर 14 वित्तीय संस्थानों से लोन लेने के लिए गिरवी के रूप में सोने की नकली बार रखने का आरोप लगा है। वहीं कंपनी ने 83 टन सोना गिरवी रखकर 16 अरब युआन का लोन लिया था। इसमें से अधिकांश सोना महज गिल्डेड कॉपर निकला। यह चीन के कुल सालाना उत्पादन का 22 फीसदी और पिछले साल 2019 तक देश के पास मौजूद स्वर्ण भंडार का 4.2 फीसदी है।
किंगोल्ड ज्वेलरी कंपनी जिसका हेडक्वार्टर वुहान है जहां से कोरोना वायरस भी निकला है। किंगोल्ड चीन हुबेई प्रांत का सबसे बड़ी गोल्ड प्रोसेसर है। इसके चेयरमैन जिया झिहोंग चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व अधिकारी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, किंगोल्ड ज्वेलरी कंपनी ने 16 बिलियन युआन यानी 17,017 करोड़ रुपए के लोन के लिए बतौर जमानत, सिक्योरिटी और बीमा के लिए 83 टन सोने की ईंटें-बिस्किट रिजर्व में रखवाए थे। लेकिन जांच में सामने आया की ये तांबा है।
बता दें, इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इस साल फरवरी में किंगोल्ड कंपनी ने डोंगगुआन ट्रस्ट को लिमिटेड (चीन का शैडो बैंक) का लोन नहीं दिया था। उसके बाद इस कंपनी ने किंगोल्ड द्वारा बतौर जमानत सोने की ईंटे निकलवाई। जिसके बाद उसकी जांच की गई तो ये पता चला कि वह तांबा है। इस खबर के सामने आने पर किंगोल्ड को कर्ज देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में खलबली मच गई। इसके बाद किंगोल्ड कंपनी को सबसे ज्यादा लोन देने वाली कंपनी चाइना मिनशेंग ट्रस्ट ने किंगोल्ड की ओर से बतौर जमानत रखे गए सोने की ईंटों की जांच करवाई। जांच में पता चला कि ये सारा सोना भी नकली कॉपर है। जांच एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं। इससे पहले 2016 में भी हुनान प्रांत में इसी तरह के एक घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।
अब चीन की सरकार ने वसूली करने का काम चीन की बीमा कंपनी पीआईसीसी प्रॉपर्टी एंड कैजुल्टी कोऑपरेटिव लिमिटेड को दिया दिया है। बताया दा रहा है कि अब ये लोन 30 बिलियन युआन भारतीय मुद्रा 32,073 करोड़ की संपत्ति से वसूला जाएगा। बता दें कि, किंगोल्ड का मार्केट कैप 60.41 करोड़ रुपए है। किंगोल्ड के मालिक जिया झिहोंग (Jia Zhihong) का कहना है कि उनकी कंपनी ने कोई नकली सोना नहीं रखा। मीडिया से बात करते हुए झिहोंग ने कहा कि किंगोल्ड कंपनी 2002 में स्थापित की गई थी, तब यह एक सोने की फैक्ट्री हुआ करती थी। इस फैक्ट्री को पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना से अनुमति मिली थी लेकिन इन फर्जी खबरों से कंपनी की छवी खराब हो रही है। (इनपुट- IANS)