वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन भारी-भरकम अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था में पैसे डाल रहा है। ट्रंप का यह दावा अमेरिका-चीन के व्यापार युद्ध खत्म करने के लिए फिर से बातचीत शुरू करने पर सहमति जताने के कुछ दिन बाद आया है।
ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जापानी शहर ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक की थी। बैठक में एक-दूसरे के उत्पादों के आयात पर नया शुल्क नहीं थोपने और व्यापार वार्ता का नया दौर शुरू करने का निर्णय लिया गया था। ट्रंप ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि चीन के उत्पादों पर भारी-भरकम शुल्क लगाने की उनकी नीति काम कर रही है। चीन सरकार शुल्क के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे लोग इन शुल्कों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, बल्कि चीन और उनकी कंपनियों को इसका भुगतान करना पड़ रहा है। ट्रंप ने कहा कि चीन ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन किया है और अपनी अर्थव्यवस्था में पैसे भी डाल रहा है। चीन अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था में पैसे लगा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों ने व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए फोन पर बातचीत की है। ट्रंप ने कहा कि इसलिए देखते हैं कि क्या होता है। हमें समझौता होने की उम्मीद है लेकिन यह बेहतर समझौता होना चाहिए। जहां तक मेरा संबंध है, हमने एक सौदा किया था। अंतिम क्षणों में चीन ने यह फैसला किया उसे यह समझौता पसंद नहीं आया। ट्रंप ने कहा कि व्यापार वार्ता का कोई भी नतीजा निकले वह उससे खुश होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि वह चीन के साथ व्यापार समझौते पर तभी सहमत होंगे, जब यह समझौता उचित और बेहतर होगा।
यूरोपीय संघ के चीज़, व्हिस्की पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव
अमेरिका ने पारमेसन चीज़, स्कॉच और आयरिश व्हिस्की समेत यूरोपीय संघ से आने वाली करीब चार अरब डॉलर की वस्तुओं पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है। अमेरिका ने यह कदम यूरोपीय संघ की ओर से वाणिज्यिक विमान को दी जाने वाली सब्सिडी से संबंधित विवाद के जवाब में उठाया है।
अमेरिका ने जिन उत्पादों पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है कि उनमें पास्ता, जैतून (ऑलिव) समेत कई अन्य प्रकार के चीज़ (पनीर का एक प्रकार) भी शामिल हैं। बयान में कहा गया कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय आज सार्वजनिक टिप्पणी के लिए उत्पादों की पूरक सूची जारी कर रहा है। जिन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि यह शुल्क बड़े विमान पर यूरोपीय संघ की सब्सिडी को लेकर लगाया जा रहा है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ एक-दूसरे पर लंबे समय से बोइंग-एयरबस जैसी दिग्गज कंपनियों को अनुचित सब्सिडी को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।