बीजिंग। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाजवूद चीन की अर्थयव्यवस्था 2020 में 2.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि इस दौरान अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे देश महामारी से परेशान थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि इससे पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 4.9 प्रतिशत था।
कोरोना वायरस महामारी के चलते फैक्टरी और दुकानों के बंद रहने से चीन की अर्थव्यवस्था में 2020 की पहली तिमाही के दौरान 6.8 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। इसके बाद अगली तिमाही में चीन ने 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की। हालांकि, यह पिछले 45 वर्षों में चीन द्वारा हासिल की गई सबसे कम वृद्धि है, लेकिन अमेरिका और दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अधिक है। इन देशों ने अभी 2020 के लिए वृद्धि के आंकड़े घोषित नहीं किए हैं, लेकिन इस दौरान उनकी अर्थव्यवस्थाओं में संकुचन निश्चित है।
चीन की अर्थव्यवस्था डॉलर के मद में 15,420 अरब डॉलर (15.42 ट्रिलियन डॉलर) है, जबकि स्थानीय मुद्रा के मद में अर्थव्यवस्था का आकार एक लाख अरब युआन से अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक चीन से चिकित्सा आपूर्ति, खासकर कोरोना वायरस महामारी से संबंधित आपूर्ति ने विनिर्माण और निर्यात वृद्धि में विशेष योगदान दिया। चीन में रोजगार बाजार 5.6 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जो सरकार के छह प्रतिशत के लक्ष्य के मुकाबले कम है।
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एलएंडटी को उत्तराखंड में ठेका मिला
लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने सोमवार को बताया कि उसकी निर्माण शाखा को उत्तराखंड में रेल विकास निगम से 5,000 रुपये तक का ठेका मिला है। एलएंडटी ने बताया कि उसकी निर्माण शाखा को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच नई ब्रॉड-गेज लाइन के चार पैकेज के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड से एक बड़ा ठेका मिला है।
इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी ने ठेके की राशि का उल्लेख नहीं किया, लेकिन बताया कि यह ठेका बड़ा है। इस तरह परियोजना वर्गीकरण के अनुसार यह ठेका 2,500 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। एलएंडटी ने कहा कि पूरी परियोजना को 60 महीने में पूरा किया जाना है।