नई दिल्ली। चीन ने गुरुवार को भारत से आयातित सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर पर डंपिंग रोधी शुल्क को पांच साल के लिए बढ़ा दिया। चीन के आधिकारिक मीडिया ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय (एमओसीओएम) के ताजा निर्णय के तहत बढ़े हुए शुल्क शुक्रवार से पांच वर्षों के लिए प्रभावी होंगे। ये दंडात्मक शुल्क 7.4 प्रतिशत से 30.6 प्रतिशत के बीच होंगे और अलग-अलग भारतीय विनिर्माताओं के लिए दरें अलग होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर उद्योग के अनुरोध पर वहां के वाणिज्य मंत्रालय ने डंपिंग रोधी शुल्क को हटाने से उद्योग को होने वाले नुकसान का मूल्यांकन किया, जिसके बाद यह फैसला किया गया। फैसले में कहा गया कि यदि इन उपायों को खत्म किया जाता है तो भारत से आयातित सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर से चीन का घरेलू उद्योग प्रभावित हो सकता है। सिंगल-मोड ऑप्टिकल फाइबर का इस्तेमाल मुख्य रूप से लंबे समय तक चलने वाले संचार, महानगरीय नेटवर्क, केबल टेलीविजन, और फाइबर एक्सेस नेटवर्क के लिए किया जाता है।
भारत ने भी हाल में चीन से आयातित कई सामानों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी या तो लगा दी है या फिर उसे बढ़ा दिया है। सीमा पर तनाव के बाद चीन की कंपनियों का घरेलू बाजारों पर असर कम करने के लिए ये कदम उठाया गया है। चीन के द्वारा भारतीय बाजार में सस्ते सामान भरने से घरेलू कारोबारियों के लिए मुश्किलें खडी हो रही थीं, जिसकी वजह से सरकार चीनी कंपनियों को लेकर सख्त हो गई है। माना जा रहा है कि भारत के कदमों से तिलमिलाए चीन ने ऑप्टिकल फाइबर डंपिंग शुल्क की समयसीमा बढ़ा दी है।