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चीनी कंपनियां भारत में लगा रही हैं जमकर पैसा, एफडीआई के मामले में बना सबसे तेजी से उभरता देश

एफडीआई के मामले में चीन सबसे तेजी से उभरता हुआ देश बन गया है। 2016 में यह 2014 के 28वें और 2011 के 35वें स्थान से छलांग लगाते हुए 17वें स्थान पर आ गया है।

Dharmender Chaudhary
Published : April 10, 2017 19:49 IST
चीनी कंपनियां भारत में लगा रही हैं जमकर पैसा, एफडीआई के मामले में बना सबसे तेजी से उभरता देश
चीनी कंपनियां भारत में लगा रही हैं जमकर पैसा, एफडीआई के मामले में बना सबसे तेजी से उभरता देश

नई दिल्ली। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने के मामले में चीन सबसे तेजी से उभरता हुआ देश बन गया है। 2016 में यह 2014 के 28वें और 2011 के 35वें स्थान से ऊंची छलांग लगाते हुए अब 17वें स्थान पर आ गया है। वर्ष 2011 में भारत में कुल चीनी निवेश 10.2 करोड़ डॉलर था। पिछले साल चीन ने कथित तौर पर भारत में एक अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया था, लेकिन इस मामले में भारत और चीन के आंकड़ों में भिन्नता है।

औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के अनुमान के अनुसार, अप्रैल 2000 और दिसंबर 2016 के बीच चीन से कुल 1.6 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था। लेकिन भारतीय बाजार विश्लेषकों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह आंकड़ा दो अरब डॉलर से भी अधिक है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सवंर्धन संबंधित चीनी परिषद को कानूनी सेवाएं प्रदान करने वाले गुड़गांव के ‘लिंक लीगल इंडिया लॉ सर्विस’ के साझेदार संतोष पई ने कहा, “भारत में वास्तविक चीनी निवेश आधिकारिक भारतीय आंकड़े से तीन गुणा अधिक है।” पई ने कहा कि भारतीय आंकड़े चीन के प्रत्यक्ष निवेश पर आधारित होते हैं, लेकिन चीन का अधिकांश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हांगकांग जैसे कर पनाहगाह देशों के रास्ते होता है।

पिछले साल चीन के उप वित्त मंत्री शी याओबिन ने कहा था कि चीन ने भारत में कुल 4.07 अरब डॉलर का और भारत ने चीन में 65 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।  पई ने कहा, “चीन शीघ्र ही भारत के सर्वोच्च 10 निवेशकों में से एक होगा।” हालांकि छह साल पहले स्थिति अलग थी, जब देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से भारत में निवेश करने वाले कम ही थे। आज भारत की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और उसके सहयोगियों के पास है।

खबर है कि अलीबाबा पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 62 प्रतिशत करने जा रहा है। इतना ही नहीं, चीन की चौथी सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी जियोमी भारत स्थित एक नए कारखाने में हर सेकंड में एक फोन असेंबल कर रही है।

डीआईपीपी के मुताबिक, फिर भी भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और चीन के वैश्विक विदेशी निवेश दोनों स्तरों पर चीन का भारत में निवेश तुलनात्मक रूप से कम है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत में चीन का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश केवल 0.5 प्रतिशत है। जापान की तुलना में (7.7 प्रतिशत) यह बेहद कम है।

पिछले साल भारत में चीन के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में काफी वृद्धि नजर आई, लेकिन पिछले साल विश्व के 164 देशों में चीन के 10 खरब युआन या 170 अरब डॉलर के विदेशी निवेश को देखते हुए यह आंकड़ा नगण्य है। अकेले अमेरिका में चीन ने 45.6 अरब डॉलर निवेश किए थे। हालांकि पिछले दो सालों में भारत और चीन के बीच नए राजनीतिक मतभेद उभरने के बावजूद भारत में चीन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ा है।

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