नई दिल्ली। भारत के सिर्फ एक ही दांव में चीन और पाकिस्तान को न केवल साध लिया, साथ ही भविष्य के लिए भी संकेत दे दिय़ा है कि कारोबार के कुछ सेग्मेंट में भारत को नजरअंदाज करना संभव नही हैं। दरअसल पिछले 3 दशक में पहली बार चीन भारत से बड़ी मात्रा में चावल की खऱीद कर रहा है। चावल की सप्लाई घटने से चीन ने भारत से चावल खरीदने का फैसला लिया है। खास बात ये है कि भारतीय कारोबारी ये चावल चीन के पुराने सप्लायर देशों के मुकाबले सस्ती कीमतों पर बेच रहे हैं। जानिए तनाव के बीच भी सस्ती कीमत पर चावल का ऑफर भारत के लिए लंबी अवधि में कितना फायदेमंद साबित होगा।
कितनी खरीद कर रहा है चीन
रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक भारतीय कारोबारियों ने चीन के साथ 1 लाख टन टूटे चावलों के लिए समझौता किया है। दिसंबर से फरवरी के बीच शिपमेंट का ये सौदा 300 डॉलर प्रति टन पर हुआ है। चीन हर साल 40 लाख टन चावल की खरीद करता है।
कैसे चीन से ट्रेड में भारत को होगा फायदा
भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है वहीं चीन दुनिया का सबसे बड़ा चावल आयातक देश है। हालांकि चीन सालों से भारत से चावल की खरीद नहीं करता। जानकारों के मुताबिक चीन भारत में उत्पादित चावल की क्वालिटी को लेकर शंका करता रहा है। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक अब चावल कारोबारियों को पूरी उम्मीद है कि भारत के चावल की क्वालिटी देख कर चीन आने वाले समय में खरीद और बढ़ाएगा। खास तौर पर तब जबकि भारत में चावल की कीमत कम है।
भारत के इस कदम से पाकिस्तान को कैसे लगा झटका
दरअसल चीन पाकिस्तान से चावल की खरीद करता है, जिसके पास घरेलू जरूरत पूरी करने के बाद फिलहाल निर्यात की सीमित मात्रा ही है, पाकिस्तान में भारत के द्वारा ऑफर की गई कीमत के मुकाबले 30 डॉलर ज्यादा कीमत पर चावल ऑफर किया जा रहा है। यही वजह है कि चीन ने भारत से सस्ती दरों पर चावल खऱीदने का फैसला किया। माना जा रहा है कि चीन को चावल बिक्री के इस कदम के बाद भारत के चावल निर्यातक पाकिस्तान के बाजार का एक बड़ा हिस्सा अपनी तरफ खींच सकेंगे।