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आरक्षण पर मोदी सरकार का फैसला, PSU अधिकारियों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC रिजर्वेशन का फायदा

कैबिनेट के फैसले के बाद सरकारी कंपनियों, सरकारी बैंकों वगैरह में निचले दर्जे पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को ही OBC रिजर्वेशन का फायदा मिल सकेगा।

Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: August 30, 2017 16:45 IST
आरक्षण पर मोदी सरकार का फैसला, PSU अधिकारियों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC रिजर्वेशन का फायदा- India TV Paisa
आरक्षण पर मोदी सरकार का फैसला, PSU अधिकारियों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC रिजर्वेशन का फायदा

नई दिल्ली। सरकारी कंपनियों, सरकारी बैंकों, इंश्योरेंस संस्थानों के अधिकारियों के बच्चों को अब पिछड़ा वर्ग आरक्षण (OBC) के तहत नौकरी का फायदा नहीं मिल सकेगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट के फैसले के बाद सरकारी कंपनियों, सरकारी बैंकों वगैरह में निचले दर्जे पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चों को ही OBC रिजर्वेशन का फायदा मिल सकेगा।

सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी पदों के साथ केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) के उपक्रमों, बैंकों में पदों की समतुल्‍यता तथा अन्‍य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण लाभों का दावा करने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे पीएसयू और अन्‍य संस्‍थाओं में निम्‍न श्रेणियों में काम कर रहे लोगों के बच्‍चों को सरकार में निम्‍न श्रेणियों में काम कर रहे लोगों के बच्‍चों के समान ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इससे ऐसे संस्‍थानों में वरिष्‍ठ पदों पर काम कर रहे लोगों के बच्‍चों को इस लाभ से रोक लग सकेगी जिन्‍हें ओबीसी के लिए आरक्षित सरकारी पदों को दरकिनार कर आय मापदंडों की गलत व्‍याख्‍या के चलते तथा पदों की समतुल्‍यता के अभाव में गैर-क्रीमीलेयर मान लिया जाता था और वास्‍तविक गैर-क्रीमीलेयर उम्‍मीदवार इस आरक्षण सुविधा से वंचित रह जाते थे।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर में सामाजिक दृष्‍टि से अगड़े व्‍यक्‍तियों/वर्गों (क्रीमीलेयर) को ओबीसी आरक्षण की परिधि से बाहर करने के लिए क्रीमीलेयर प्रतिबंधित व्‍यवस्‍था के लिए वर्तमान 6 लाख रुपए वार्षिक आय के मापदंड को बढ़ाने की भी मंजूरी प्रदान करती है। नई आय का मापदंड 8 लाख रुपए वार्षिक होगा। क्रीमीलेयर से बाहर किए जाने के लिए आय की सीमा में वृद्धि उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक में बढ़ोतरी को देखते हुए की गई है और इससे ओबीसी को सरकारी सेवाओं में प्रदान किए गए लाभों तथा केन्‍द्रीय शैक्षिक संस्‍थाओं में दाखिले के लिए ज्‍यादा-से-ज्‍यादा लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।

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