चेन्नई। हाल ही में चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में हुई बारिश को अप्रत्याशित बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि तत्काल चुनौती प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की है। जेटली ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि हर आंख से आंसू पोंछ दिया जाए। बाढ़ प्रभावित लोगों को कर्ज और वित्तीय सहायता वितरित करते हुए जेटली ने कहा कि उनका चेन्नई दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यह शहर चुनौतीपूर्ण दौर का सामना कर रहा है। इस शहर और जिलों ने प्रकृति की सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना किया है। प्रकृति का यह कोप जो हमने पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान झेला है, इसका किसी को अनुमान नहीं था।
वित्त मंत्री ने कहा, इस आपदा से सामने आई चुनौतियों से निपटना मानव क्षमता से भी परे है। तत्काल चुनौती राहत उपलब्ध कराने, लोगों को बचाने और जीविका के लिए मूलभूत चीजें उपलब्ध कराने की है। प्राकृतिक आपदा से निपटने में राहत और पुनर्वास उपाय करने के मौलिक सिद्धांत की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, आप आपदा को नहीं रोक सकते, लेकिन इसके बाद बेहतर जीवन की योजना अवश्य बना सकते हैं। जेटली ने कहा, ढांचागत सुविधाओं के संदर्भ में सरकार को इस तरह से कदम उठाने होंगे जिससे समाज को वापस अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए व्यवस्था मजबूत बनाई जा सके। दीर्घकाल में लोगों को अपने पैरों पर खड़ा होने में समर्थ होना है।
उन्होंने कहा, आज हमारा समाज बहुत कम बीमित है। हाल ही में आई त्रासदी भविष्य के लिए एक सीख है कि भारत को एक बीमित समाज होना है। बीमित लोगों और बाढ़ से प्रभावित लोगों के संबंध में उन्होंने बैंकों एवं बीमा कंपनियों सभी दावों का तेजी से निपटान करने को कहा। जेटली ने कहा, बैंक यह सुनिश्चित करें कि सहायता उपलब्ध कराई जाय और हर आंख से आंसू पोंछ दिया जाय एवं समाज फिर से सामान्य स्थिति में लौट आए।
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों ने बाढ़ प्रभावित चार जिलों में 176 केन्द्र खोले हैं और सभी दावों का तेजी से निपटान किया जाना है। इन जिलों में बैंकों का एक बड़ा नेटवर्क है। बैंक रियायती दर पर कर्ज भी उपलब्ध कराएंगे ताकि लोग संकट की इस घड़ी में सामान्य स्थिति में लौट सकें। राज्य के वित्त मंत्री ओ. पनीरसेल्वम, वित्त सचिव के. नानदेसिकन, इंडिया बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ महेश कुमार जैन व इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ आर. कोटीश्वरन भी इस मौके पर उपस्थित थे।