मुंबई। देश की ब्लू चिप कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के भारी भरकम वेतन का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड 30 सबसे बड़ी कंपनियों के इंडेक्स सेंसेक्स की कंपनियों की ओर से एक्सचेंज को दी गई जानकारी के विश्लेषण से पता चला है कि उनके सामान्य कर्मचारियों के वेतन और शीर्ष अधिकारियों के वेतन में सैंकड़ों गुना का अंतर है।
ब्लू चिप कंपनियों की तरफ से वित्तवर्ष 2016-17 में वेतन पर हुए खर्च की जो जानकारी एक्सचेंज को दी गई है उसके विश्लेषण के मुताबिक अधिकतर ब्लू चिप कंपनियों के सामान्य कर्मचारी को जितना वेतन मिलता है उसके मुकाबले सीईओ या एग्जिक्युटिव चेयरमैन को 1200 गुना ज्यादा वेतन दिया जाता है।
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सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 15 कंपनियों ने जानकारी दी है कि उनके शीर्ष अधिकारी और सामान्य कर्मचारी की सेलरी की रेश्यों में इजाफा हुआ है। 9 कंपनियों ने अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी है जबकि 6 कंपनियों ने कहा है कि उनके शीर्ष अधिकारी और सामान्य कर्मचारी की सेलरी की रेश्यो या तो घटी है या पिछले साल के स्तर पर ही है।
सेंसेक्स पर लिस्टेड विप्रो के शीर्ष अधिकारी की सेलरी सामान्य कर्मचारी की सेलरी से 259 गुना अधिक है, 2015-16 में यह 260 गुना अधिक थी, इन्फोसिस में यह पिछले साल की तरह 283 गुना पर स्थिर है, डॉ रेड्डी लैब में यह रेश्यो 312 गुना से घटकर 233 गुना तक आ गई है, वहीं हीरो मोटर कॉर्प में यह 755 गुना से घटकर 731 गुना पर आई है।
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री ने अभीतक इस रेश्यो पर जानकारी नहीं दी है, कंपनी के मुखिया मुकेश अंबानी को सालभर में कंपनी की तरफ से 15 करोड़ रुपए सेलरी दी जाती है जो सामान्य कर्मचारी को मिलने वाली सेलरी के मुकाबले 205 गुना अधिक है।