नई दिल्ली। देश का वित्तीय घाटा बढ़ गया है। चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह के दौरान वित्तीय घाटा 2.28 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो 2016-17 के बजट अनुमान का 42.9 फीसदी है। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में यह घाटा बहुत अधिक है। वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान अप्रैल-मई में वित्तीय घाटा बजट अनुमान के 37.5 फीसदी पर था।
संपूर्ण चालू वित्त वर्ष के लिए खर्च और राजस्व के बीच अंतर रहने का अनुमान 5.33 लाख करोड़ रुपए है। सीएजी द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-मई 2016 के दौरान टैक्स राजस्व 49,690 करोड़ रुपए रहा है, जो बजट अनुमान का 4.7 फीसदी है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह में सरकार की कुल प्राप्तियां (राजस्व और गैर-ऋण पूंजी से) 69,060 करोड़ रुपए रहीं, जो बजट अनुमान का 4.8 फीसदी है। वित्त वर्ष 2015-16 में समान अवधि के दौरान यह अनुमान का 4.4 फीसदी था। अप्रैल-मई 2016 में सरकार का कुल खर्च 2.98 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूरे वित्त वर्ष के अनुमान का 15.1 फीसदी है। कुल खर्च में योजनागत खर्च 90,570 करोड़ रुपए और गैर-योजनागत खर्च 2.07 लाख करोड़ रुपए रहा है। अप्रैल-मई में राजस्व आय 65,691 करोड़ रुपए रही, जो बजट अनुमान का 4.8 फीसदी है। अप्रैल-मई में राजस्व घाटा 1.99 लाख करोड़ रुपए रहा, जो बजट अनुमान का 56.2 फीसदी है।
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