नई दिल्ली। केंद्र सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लंबित बकाया का भुगतान ब्याज सहित करने की योजना पर काम कर रही है। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। एक बार इस योजना के क्रियान्वयन के बाद सरकार केंद्र और राज्यों के सार्वजनिक उपक्रमों तथा कंपनियों पर एमएसएमई के भारी बकाया के निपटान के लिए एक प्रणाली विकसित कर पाएगी। इससे इस क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से इस क्षेत्र की लाखों इकाइयां बढ़ते घाटे के बीच टिकने के लिए संघर्ष कर रही हैं। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये परिचर्चा के दौरान गडकरी ने कहा कि लंबित बकाये पर चूक एमएसएमई के लिए एक बड़ी समस्या है।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारियों से एक से दो लाख करोड़ रुपए की योजना बनाने को कहा है। मंत्री ने कहा कि हम लंबित बिलों की अदायगी ब्याज की लागत के साथ करेंगे। हम कुछ समाधान ढूंढेंगे। इसकी कुछ लागत सरकार उठाएगी। कुछ उद्योग उठाएगा और कुछ लागत आपूर्तिकर्ता उठाएंगे।
हम इस बात की गारंटी देंगे कि एमएसएमई को उनका भुगतान मिलेगा। हम इस पर काम कर रहे हैं। इससे एमएसएमई को काफी राहत मिलेगी।