भुवनेश्वर। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश में गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए 70,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। प्रधान ने बताया कि सरकार बांग्लादेश के जरिये म्यामांर तक गैस नेटवर्क ले जाने की योजना पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है, जिसमें देश के प्रत्येक कोने में प्राकृतिक गैस को पहुंचाने के लिए पाइपलाइन के बहुत बड़े नेटवर्क की जरूरत है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पहले चरण में पूरे देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने के लिए 70,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि भारत बांग्लादेश के जरिये म्यामांर तक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार करने की योजना पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत, पड़ोसी देशों द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार एलएनजी गैस का निर्यात करने के लिए धामरा से बांग्लादेश और सिलीगुड़ी से बांग्लादेश तक पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव है।
प्रधान ने उड़ीसा के बारे में कहा कि पारादीप, धामरा और गोपलपुर से प्राकृतिक गैस को स्टोर, रिफाइन और ट्रांसपोर्ट कर उद्योगों तक पहुंचाने के लिए राज्य में बहुत बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उड़ीसा और अन्य तटीय राज्यों में पोर्ट आधारित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में 84 शहरों में गैस के रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिसमें अडानी समूह, आईओसीएल, बीपीसीएल और टोरेंट गैस ने सबसे ज्यादा लाइसेंस हासिल किए हैं। अडानी गैस को अकेले 13 शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी तथा घरों को पाइप के जरिये रसोई गैस पहुंचाने का रिटेल कारोबार लाइसेंस मिला है। साथ ही अडानी समूह ने सरकारी कंपनी आईओसी के साथ मिलकर इलाहबाद समेत नौ अन्य शहरों के लिए गैस वितरण लाइसेंस हासिल किया है।