नई दिल्ली। केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी एनटीपीसी में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी मंगलवार को बेचगी। प्रस्तावित बिक्री के लिए न्यूनतम मूल्य 122 रुपए प्रति शेयर रखा गया है और इससे सरकार को 5,029 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। बाजार नियामक सेबी के संशोधित ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) नियमों के तहत एनटीपीसी का पहला विनिवेश होगा। सोमवार को एनटीपीसी का शेयर 126.85 पर बंद हुआ और ऑफर प्राइस 4 फीसदी डिस्काउंट पर तय किया गया है।
एनटीपीसी इस बिक्री के दौरान कुल 41.22 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी। यह हिस्सेदारी बिक्री दो दिन में होगी। संस्थागत बोलीदाता कल शेयर खरीद सकेंगे। रिटेल निवेशक 24 फरवरी को बोली लगा सकेंगे। रिटेल निवेशकों के लिए 20 फीसदी शेयर आरक्षित रखे गए हैं। फ्लोर प्राइस पर सरकार को 5029 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, जो कि 2015-16 का दूसरा सबसे बड़ा विनिवेश होगा।
सरकार की एनटीपीसी में 74.96 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बिक्री के बाद एनटीपीसी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 69.95 फीसदी रह जाएगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन और ड्रेडजिंग कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी बेचकर 13,340 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। मौजूदा वित्त वर्ष में पूंजी बाजार में आने वाली एनटीपीसी छठी सार्वजनिक कंपनी होगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए बजट में विनिवेश लक्ष्य 69,500 करोड़ रुपए रखा है। सेबी ने 16 फरवरी को ओएफएस के नियमों में संशोधन को अपनी मंजूरी दी थी। इसके तहत अब एडवांस नोटिस पीरियड घटाकर एक दिन कर दिया गया है। अब कंपनियां अपने ओएफएस प्लान के लिए स्टॉक एक्सचेंज को नोटिस एक दिन पहले दे सकती हैं। इससे पहले नोटिस देने की यह अवधि दो दिन थी।