नई दिल्ली। सितंबर माह में इंटीग्रेटेड जीएसटी या आईजीएसटी के तहत एकत्रित हुए 29,000 करोड़ रुपए का बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि बताया कि केंद्र सरकार को लगभग 14,500 करोड़ रुपए मिलेंगे और शेष राशि को सितंबर में एकत्रित राजस्व के अनुपात में राज्यों के बीच बांटा जाएगा।
इस बंटवार से केंद्र और राज्यों दोनों की अप्रत्यक्ष कर की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। ऐसा चौथी बार हो रहा है जब आईजीएसटी के तहत प्राप्त राशि को केंद्र और राज्यों के बीच बांटा गया है। अगस्त में केंद्र और राज्यों के बीच 12,000 करोड़ रुपए, जून में 50 हजार करोड़ रुपए और फरवरी में 35,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया था।
अधिकारी ने आगे कहा कि एक नीतिगत निर्णय लिया गया है कि जब आईजीएसटी पूल में कुछ बड़ी राशि अर्जित की जाती है तो उसे विभाजित किया जाना चाहिए ताकि फंड निष्क्रिय न पड़ा रहे। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं के जरिये एकत्रित राजस्व को 50:50 प्रतिशत के अनुपात में केंद्र और राज्यों के बीच बांटा जाता है। वस्तुओं के इंटर-स्टेट मूवमेंट और आयात पर आईजीएसटी लगता है, जो केवल केंद्र के खाते में जाता है।
आदर्श स्थिति में आईजीएसटी पूल में शून्य राशि होनी चाहिए, क्योंकि केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के भुगतान के लिए इस राशि का उपयोग होना चाहिए। क्योंकि कुछ कारोबार इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ का दावा करने के लिए अपात्र हैं इसलिए शेष राशि को आईजीएसटी पूल में डाला जाता है।
वित्म मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रति माह 1 लाख करोड़ रुपए के जीएसटी संग्रह का लक्ष्य तय किया है। लेकिन हर माह इस लक्ष्य से कम राजस्व संग्रह हो रहा है। अभी तक अकेले अप्रैल माह में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। मई में 94,016 करोड़ रुपए, जून में 95,610 करोड़ रुपए, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपए और अगस्त में 93,960 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया है।