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GST: सॉफ्टवेयर तैयार न होने पर सरकार ने दिया ई-वे बिल को टालने का प्रस्‍ताव, वस्‍तुओं का आवागमन होगा आसान

अब जबकि जीएसटी को लागू करने में कुछ ही समय शेष बचा है केंद्र सरकार ने ई-वे बिल के कार्यान्वयन को कुछ महीने टालने का प्रस्‍ताव किया है।

Abhishek Shrivastava
Published : June 12, 2017 19:15 IST
GST: सॉफ्टवेयर तैयार न होने पर सरकार ने दिया ई-वे बिल को टालने का प्रस्‍ताव, वस्‍तुओं का आवागमन होगा आसान
GST: सॉफ्टवेयर तैयार न होने पर सरकार ने दिया ई-वे बिल को टालने का प्रस्‍ताव, वस्‍तुओं का आवागमन होगा आसान

नई दिल्‍ली। अब जबकि जीएसटी को लागू करने में कुछ ही समय शेष बचा है केंद्र सरकार ने ई-वे बिल के कार्यान्वयन को कुछ महीने टालने का प्रस्‍ताव किया है। इस प्रणाली के तहत खरीद-फरोख्त में 50,000 रुप से अधिक मूल्य की सभी वस्तुओं को लाने-लेजाने के लिए पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मसौदे के अनुसार जीएसटीएन ई-वे बिल जारी करेगी जो कि तय की जाने वाली दूरी के हिसाब से एक से 15 दिन तक वैध होंगे। कर अधिकारी किसी तरह की कर चोरी रोकने के लिए किसी भी समय इन बिल की जांच कर सकते हैं। हालांकि उद्योग जगत ने इस पर चिंता जताते हुए कहा था कि 50,000 रुपए की सीमा बहुत कम है और परिवहन परिचालन को पूरा करने की समयसीमा वास्तविकता से दूर तथा अव्यावहारिक है।

अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी परिषद की तीन जून को हुई बैठक् में केंद्र ने तर्क दिया कि जीएसटी कार्यान्वयन के पहले तीन महीने में जीएसटीएन नई कर प्रणाली के कार्यान्वयन को सुचारू बनाने में व्यस्त रहेगी। इसलिए ई-वे बिलों के लिए प्लेटफॉर्म बनाने में लगभग छह महीने का समय लगेगा। केंद्र का कहना है कि जीएसटीएन नियम व फॉर्म आदि को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही सॉफ्टवेयर बनाना शुरू करेगा। इसके साथ ही केंद्र ने सुझाव दिया कि ई-वे बिल प्रणाली का कार्यान्वयन कुछ महीने के लिए टाला जा सकता है।

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