पत्र के अनुसार इस तरह की सूचना का प्रकाशन आधार कानून के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और इस तरह के अपराध में तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ में भी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की वेसबाइट पर पीडीएस लाभान्वितों के आधार की जानकारी डालने संबंधी मीडिया रिपोर्टें आई थीं। इससे पहले क्रिकेटर एमएस धोनी का आधार ब्यौरा भी ट्विटर पर आ गया था।