नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सितंबर में समाप्त होने वाले विपणन वर्ष 2020-21 में अब तक रिकॉर्ड 873.68 लाख टन धान की खरीद की है, जिसके लिए करीब 1.65 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक खरीफ विपणन सत्र 2019-20 में खरीद के उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन को पार करते हुए धान खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। लगभग 129.03 लाख किसान मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में एमएसपी मूल्यों पर हुई खरीद से लाभान्वित हो चुके हैं और उन्हें 1,64,951.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि चालू खरीफ सत्र 2020-21 में धान की खरीद, इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है। इसमें आगे कहा गया कि 23 अगस्त 2021 तक 873.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है (इसमें खरीफ फसल का 707.69 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल का 165.99 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है), जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 763.01 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। विज्ञप्ति के मुताबिक गेहूं की खरीद का काम वर्तमान रबी विपणन सत्र 2021-22 में इसकी खरीद वाले राज्यों में पूरा हो चुका है और 18 अगस्त 2021 तक 433.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है।
बयान में कहा गया है कि मौजूदा रबी विपणन सत्र के दौरान 49.20 लाख किसानों को खरीदा का लाभ मिला है। इस दौरान किसानों को 85,603.57 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया। इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 109.58 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई थी।
खरीफ 2020-21 और रबी 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के तहत 23.08.2021 तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 11,91,926.47 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 6,96,803 किसानों को 6,686.59 करोड़ रुपये की आय हुई है।
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