नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से अभी तक सीधे 2,300 टन प्याज की खरीद की है। इसका मकसद प्याज कीमतों में तेजी आने पर बफर स्टॉक के जरिये उन पर अंकुश लगाना है। प्याज का बफर स्टॉक 900 करोड़ रुपए के मूल्य स्थरीकरण कोष (पीएसएफ) का इस्तेमाल कर किया गया है। इस कोष का मकसद मूल्यों में उतार-चढ़ाव पर लगाम लगाना है। इससे किसानों के साथ ग्राहकों के हितों का संरक्षण किया जा सकेगा। इस कोष का इस्तेमाल दलहन तथा आलू का बफर स्टॉक बनाने के लिए भी किया जा रहा है।
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खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम इस साल 15,000 टन प्याज खरीद का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। अभी तक नोडल एजेंसियों नाफेड तथा एसएफएसी ने क्रमश: 1,500 और 800 टन प्याज खरीदा है। उन्होंने बताया कि भंडारण गुणवत्ता वाला प्याज सीधे किसानों से साढ़े आठ से नौ रुपए किलो के भाव पर खरीदा गया है। इस भंडार को लासलगांव में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में प्याज के दाम दो से तीन रुपए किलो पर चल रहे हैं। ऐसे में ये एजेंसियां प्याज की खरीद उत्पादकों को समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कर रही हैं।
पासवान ने कहा कि अन्य उत्पादक राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी प्याज की खरीद की जाएगी। रबी यानी सर्दियों की प्याज फसल की आवक शुरू हो गई है। पासवान ने कहा कि 10,000 टन प्याज की खरीद नाफेड द्वारा तथा 5,000 टन की एसएफएसी द्वारा की जाएगी।
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