नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश भर में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए राज्यों से गरीबों के लिए आवास पंजीकरण स्टाम्प शुल्क घटाने के लिए पत्र लिखा है।
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, मैंने अभी-अभी सभी मुख्यमंत्रियों को स्टाम्प शुल्क कम करने की जरूरत के संबंध में पत्र लिखा है। स्टाम्प शुल्क का उपयोग मूल तौर पर पंजीकरण रजिस्टर के रखरखाव के लिए किया जाता था, अब यह राजस्व का स्रोत बन गया है। कम कीमत वाले घर खरीदने वाले लोगों के लिए यह शुल्क बोझ होगा।
जानिए क्या खास होगा स्मार्ट सिटी में
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सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 26 राज्यों के 2,508 शहरों का चुनाव किया है, जहां शहरी गरीबों को सस्ते घर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में 10 फीसदी तक स्टाम्प शुल्क की व्यवस्था से घर खरीदने वालों पर पंजीकरण शुल्क बढ़ जाएगा।
नायडू ने आज यहां ऐसोचैम के सभी के घरों के लिए वित्त पर आयोजित समारोह में कहा, मैंने मुख्यमंत्रियों को इस सबका ब्योरा दिया है और लिखा है। उनमें से कुछ इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाएं। साथ ही भूमि रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण का भी काफी असर होगा। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके मंत्रालय को लक्ष्य दिया है कि सभी मंजूरियां एक ही खिड़की से मिलनी चाहिए ताकि व्यक्तिगत संपर्क की जरूरत खत्म हो।
उन्होंने कहा, मेरा अपना मानना है कि सभी मंजूरियां 60 दिन के भीतर मिल जानी चाहिए। विचार यह है कि ऑनलाइन आवेदन और मंजूरी मिले। दिल्ली में यह शुरू कर दिया है और दिल्ली सरकार ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। मुंबई में भी इसे शुरू किया है। नायडू ने कहा कि केंद्र अब सभी शहरों और निगमों को ऑनलाइन कामकाज शुरू करने के लिए कह रही है ताकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो। इससे भ्रष्टाचार, देरी, प्रताड़ना और बेवजह लागत में बढ़ोतरी कम होगी, जो उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है।