नई दिल्ली। सरकार ने निर्यातकों को अपने वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिफंड दावे हाथ से भरने की अनुमति दे दी है। अब निर्यातक कर अधिकारियों के सामने हाथ से अपने रिफंड दावे भर सकते हैं। इससे निर्यातकों को अपने GST रिफंड दावों को तेजी से निपटाने में मदद मिलेगी और यह उनकी नकद तरलता की समस्या का भी समाधान करेगा।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) के अनुसार जिन सेवा निर्यातकों ने एकीकृत GST (IGST) का भुगतान किया है और जो विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) इकाइयों को शून्य दर पर आपूर्ति करते हैं, साथ ही जो निर्यातक व्यापारी अपने इनपुट क्रेडिट पर रिफंड का दावा करना चाहते हैं वह अब अपने क्षेत्र के आयुक्त के पास रिफंड फॉर्म को लेकर जा सकते हैं।
CBEC ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि,
साझा पोर्टल पर रिफंड सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते यह निर्णय किया गया है कि शून्य दर की आपूर्ति से जुड़े रिफंड के दावों को आवेदन/दस्तावेजों/ फॉर्म के रुप में हाथ से भरकर जमा किया जाना चाहिए।
पिछले महीने बोर्ड ने माल के साथ भेजी जाने वाली बिल रसीद के आधार पर किए गए IGST रिफंड दावों का निर्यातकों को भुगतान करना शुरु किया है। इसके लिए उसने टेबल 6A फार्म भरने की व्यवस्था की है।
अब जो लोग शून्य दर पर आपूर्ति करते हैं या जिन्होंने IGST का भुगतान किया है या जो निर्यातक इनपुट क्रेडिट पर रिफंड का दावा करते हैं, वे RFD-01A फॉर्म भर सकेंगे और अपने रिफंड दावे के लिए राज्य कर आयुक्त और मुख्य केंद्रीय कर आयुक्त से संपर्क कर सकते हैं। कर अधिकारी सात दिन के भीतर प्रारंभिक रिफंड की मंजूरी दे देंगे।
यह भी पढ़ें :प्रदूषण ने खोल दिया किसानों के लिए कमाई का रास्ता, NTPC धान की ‘आधी’ कीमत पर खरीदेगी पराली
यह भी पढ़ें : सरकार ने दालों के निर्यात से पाबंदी पूरी तरह हटाई, दलहन किसानों को होगा फायदा लेकिन बढ़ सकता है दालों का भाव