नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को मंगलवार को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एमएसएमई क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करना है। वर्तमान में देश के जीडीपी में एमएसएमई क्षेत्र की कुल भागीदारी 30 प्रतिशत है। गडकरी के पास सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एवं एमएसएमई मंत्रालय का प्रभार है। वह तीन दिन के वर्चुअल टीआईई वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि देश के कुल निर्यात में एमएसएमई क्षेत्र की 48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सरकार का लक्ष्य भविष्य में इसे बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक ले जाने का है। उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई का देश की जीडीपी में 30 प्रतिशत का योगदान है। हमारे कुल निर्यात में से 48 प्रतिशत योगदान एमएसएमई करता है। साथ ही 11 करोड़ रोजगार भी सृजित करता है। इसलिए यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब सरकार का जीडीपी में इसके योगदान को 50 प्रतिशत तक ले जाने और निर्यात में 48 प्रतिशत हिस्सेदारी को बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक करने का इरादा है।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि सरकार छोटे उद्योगों को बढ़ावा दे रही है जिससे आने वाले समय में एमएसएमई 5 करोड़ लोगों को नौकरी दे सकेगी। पिछले काफी समय से केंद्र सरकार छोटे कारोबारियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का ऐलान कर चुकी है। इसके साथ ही सरकार ने कई नियमों में बदलाव किया है, जिससे सरकारी प्रोजेक्ट में घरेलू छोटी कंपनियों की भागेदारी भी बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को आसान शर्तों पर कर्ज देने का भी ऐलान किया है। ग़डकरी के मुताबिक इन सब कदमों की मदद से छोटे और मझौले उद्योग देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सफल होंगे।