नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज वोडाफोन की उस याचिका को समयपूर्व करार दिया जो रिलायंस जियो के साथ इंटर कनेक्टिविटी के मुद्दे पर ट्राई की उस पर लगाए गए 1,050 करोड़ रुपए जुर्माने की सिफारिश के खिलाफ दायर की गई है। केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल संजय जैन ने न्यायमूर्ति संजीव सचदेव के समक्ष कहा कि वोडाफोन की याचिका अदालत की प्रक्रिया का पूरी तरह दुरूपयोग है क्योंकि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस संबंध में मात्र अपनी सिफारिश दी है और इस पर केंद्र सरकार द्वारा अभी तक कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया गया है।
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सॉलीसिटर जनरल ने कहा, स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है वोडाफोन की याचिका
- इस याचिका को स्वीकार किए जाने के योग्य नहीं बताते हुए जैन ने कहा कि एक बार संचार मंत्रालय का दूरसंचार विभाग इन सिफारिशों पर कोई निर्णय ले ले, उसके बाद इसे (याचिका को) एक मान्य प्रक्रिया के तहत दायर किया जाना चाहिए।
- उन्होंने कंपनी से यह भी प्रश्न किया कि क्या उसके पास ऐसा कोई दस्तावेज है जो यह दर्शाता हो कि सरकार ट्राई की सिफारिशों से प्रभावित होगी।
- इस पर अदालत ने इस याचिका को बरकरार रखे जाने के प्रश्न पर जवाब दाखिल करने के लिए मंत्रालय और ट्राई को दो हफ्ते का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
- संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत ने सुझाव दिया कि किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले दूरसंचार विभाग ट्राई की सिफारिशों पर वोडाफोन की याचिका में उठाई गई आपत्तियों पर विचार कर सकता है।
- हालांकि वोडाफोन के वकील राजीव नायर इस सुझाव से असहमत थे। उन्हौंने अदालत से कहा कि वह यह निर्णय करे कि ये सिफारिशें करके क्या ट्राई ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।
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गौरतलब है कि 22 दिसंबर 2016 को सुनवाई के दौरान अदालत ने ट्राई की सिफारिशों पर कार्रवाई नहीं करने का केंद्र सरकार और किसी अन्य प्राधिकरण को निर्देश देने से गुरेज किया था क्योंकि इस मामले में ट्राई के अलावा और कोई पक्ष नहीं है।
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ट्राई ने वोडाफोन पर प्रत्येक सर्किल के लिए 50 करोड़ रुपय का लगाया था जुर्माना
- इसके बाद अदालत ने दूरसंचार विभाग को इसमें प्रतिवादी बनाया।
- पिछली सुनवाई पर वोडाफोन ने दावा किया था कि ट्राई की सिफारिशों के आधार पर रिलायंस जियो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में चला गया है।
- गौरतलब है कि ट्राई ने जम्मू-कश्मीर सर्किल को छोड़कर वोडाफोन पर उसके 21 सर्किल पर 50-50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।
- इन 21 सर्किलों के लिए लगाए गए इस जुर्माने की कुल रकम 1,050 करोड़ रुपए है।