नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के 64 शहरों के लिये 5,595 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी दे दी है। इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने की फेम योजना के दूसरे चरण के तहत लायी जा रही इन बसों को शहरों के भीतर और शहरों के बीच चलाया जाएगा। आप भी जानिए पूरी लिस्ट देशभर के किन शहरों में कितनी कहां चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के ट्विटर हैंडल से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक, जिन शहरों को इलेक्ट्रिक बसों के लिये चुना गया है उनमें आंध्र प्रदेश के विशाखापट्नम में 100, विजयवाडा, अमरावती, तिरुपति और ककिनाडा में 50-50 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
असम में 100 बसें, बिहार की राजधानी पटना में 25 बसें, छत्तीसगढ़ के रायपुर में 50 बसें, दादर और नागर हवेली क्षेत्र में 25 बसें, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 300 बसें, गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा समेत राजकोट में 550 बसें चलाई जाएंगी। इधर दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में 50 बसें और हिमाचर प्रदेश में 100 बसें चलाई जाएंगी।
मुंबई में चलेंगी सबसे ज्यादा 725 इलेक्ट्रिक बसें
अगर बात जम्मू-कश्मीर की करें तो यहां 150 बसें, कर्नाटक में 350 बसें और केरल में 250 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें मुंबई में चलाई जाएंगी। मुंबई के बीईएसटी मुंबई, पुणे, नवी मुंबई, नागपुर, नासिक और सोलापुर में सबसे ज्यादा 725 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। मध्य प्रदेश में 340 बसें, ओडिशा में 50, राजस्थान की राजधानी जयपुर में 100 बसें चलाई जाएंगी। इधर तेलंगाना में 325 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है।
यूपी में चलेंगी 600 इलेक्ट्रिक बसें
तमिलनाडु में 525, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 50, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 30 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। अगर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां राजधानी लखनऊ समेत प्रमुख शहरों आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी में 600 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। पश्चिम बंगाल में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
इसके अलावा 400 इलेक्ट्रिक बसें शहरों के बीच तथा 100 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली मेट्रो रेल निगम के लिये लोगों के घर तक सेवा देने के लिये हैं। प्रत्येक चुने गये शहरों या राज्य परिवहन उपक्रमों को मंजूरी वाली बसों को परिचालन लागत के आधार पर चलाने को लेकर समयबद्ध तरीके से खरीद प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। ये इलेक्ट्रिक बसें 4 सौ करोड़ किलोमीटर के परिचालन के साथ ही 120 करोड़ लीटर ईंधन की बचत करेंगी। इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन से कार्बन उत्सर्जन को भी कम किया जाएगा।