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GM सरसों फसल को लेकर केंद्र ने अभी तक नहीं लिया नीतिगत निर्णय, इसके विभिन्‍न पहलुओं पर कर रही है विचार

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसने जीन संवर्धित (GM) सरसों फसल को कॉमर्शियल रूप से जारी करने पर नीतिगत स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

Manish Mishra
Published on: July 17, 2017 14:43 IST
GM सरसों फसल को लेकर केंद्र ने अभी तक नहीं लिया नीतिगत निर्णय, इसके विभिन्‍न पहलुओं पर कर रही है विचार- India TV Paisa
GM सरसों फसल को लेकर केंद्र ने अभी तक नहीं लिया नीतिगत निर्णय, इसके विभिन्‍न पहलुओं पर कर रही है विचार

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने जीन संवर्धित (GM) सरसों फसल को कॉमर्शियल रूप से जारी करने के बारे में नीतिगत स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता के वक्तव्य पर विचार किया। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मेहता ने कहा कि सरकार मामले में विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है और GM फसलों को वाणिज्यिक तौर पर जारी करने के मामले में उसने विभिन्न पक्षों से सुझाव और उनकी आपत्तियां आमंत्रित की हैं।

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पीठ ने सरकार को GM फसलों के बारे में सुविचारित और नेकनीयती के साथ लिए गए निर्णय से उसे अवगत कराने के लिये एक सप्ताह का समय दिया है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 17 अक्तूबर को GM सरसों फसल का वाणिज्यिक इस्तेमाल शुरू करने के मामले में दिए गए स्थगन को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से GM सरसों बीज को खेतों में उगाने के लिए जारी करने से पहले उसके बारे में सार्वजिनक रूप से लोगों के विचार जानने को कहा।

सरसों सर्दियों में पैदा होने वाली एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है जो कि मध्य अक्‍टूबर और नवंबर में बोई जाती है। मामले में याचिकाकर्ता अरुणा रोड्रिग्स के लिए पेश होते हुये अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि सरकार बीज की विभिन्न क्षेत्रों में बुवाई कर रही है और इसके जैव-सुरक्षा संबंधी उपायों को वेबसाइट पर डालना चाहिए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया।

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भूषण ने कहा कि इन बीजों का उचित परीक्षण किए बिना ही विभिन्न स्थानों पर इन बीजों का सीधे खेतों में परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने इस पर 10 साल की रोक लगाने की अपील की है। भूषण ने कहा कि इस संबंध में एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पूरी नियामकीय प्रणाली में गड़बड़ी है इसलिए मामले में दस साल की रोक लगाई जानी चाहिए।

रोड्रिग्स ने GM सरसों फसल के वाणिज्यिक तौर पर इस्तेमाल शुरू करने और इन बीजों का खुले खेतों में परीक्षण किए जाने पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की।

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