नई दिल्ली। पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बढ़ती कीमतों और परिवहन लागत में वृद्धि का असर जल्द सीमेंट की कीमतों पर पड़ सकता है। सीमेंट कंपनियों के मुताबिक महंगी परिवहन लागत के असर को कम करने के लिए अगले छह महीने में सीमेंट के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। सीमेंट विनिर्माता संघ (सीएमए) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने यह बात कही।
सीएमए के अनुसार, 2018-19 की पहली छमाही में सीमेंट उद्योग में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2009-10 के बाद पहली बार दहाई अंक में वृद्धि दर्ज की गयी है। सीएमए के अध्यक्ष शैलेंद्र चौकसी ने कहा, "सीमेंट की कीमत को ठीक करने की बहुत अधिक जरूरत है। पिछले एक साल में ईंधन की कीमतों में 60-70 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बढ़ी कीमतों के प्रभाव को कुछ हद तक कम करने के लिए सीमेंट के दाम बढ़ाना जरूरी है।"
उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 साल से सीमेंट की कीमतें करीब-करीब स्थिर हैं लेकिन इस दौरान लागत और मुद्रास्फीति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सीमेंट की मांग में तेजी के बावजूद कीमतें काफी निम्न स्तर पर बनी हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में सीमेंट की 50 किलो की बोरी की कीमत 300 रुपये से कम है।
सीमेंट की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी इस सवाल पर चौकसी ने कहा कि ईंधन लागत और परिवहन शुल्क में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए सीमेंट के प्रति बोरी पर कम से कम 25-30 रुपये यानी 8 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।