नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्तियों (सेलिब्रिटी) पर जवाबदेही तय करने संबंधी एक नए मसौदा विधेयक पर आज विचार किया जाएगा। इस मसौदे के तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्ती पर 50 लाख रुपए जुर्माने व पांच साल की जेल की सजा रखी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की बैठक आज होनी है। इसमें मसौदा विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश करने से पहले उपभोक्ता मंत्रालय विभाग द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
आज होने वाली इस अनौपचारिक मंत्री समूह की बैठक में जेटली के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी हैं। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों और ऐसे विज्ञापन करने वाली हस्तियों की जवाबदेही तय करने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने कहा, पहली बार अपराध पर 10 लाख रुपए का जुर्माना व दो साल की सजा का प्रस्ताव है। वहीं अगर कोई सेलिब्रिटी या एंबैस्डर दूसरी बार या आगे और गलती करता है तो 50 लाख रुपए तक का जुर्माना या पांच साल की सजा हो सकती है। गौरतलब है कि केंद्र ने पिछले साल अगस्त में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015 लोकसभा में पेश किया ताकि 30 साल पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून को हटाया जा सके।
संसद की स्थाई समिति ने अपनी सिफारिशें अप्रैल में सौंप दीं। समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कुछ प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार किया जिनमें सेलिब्रिटी की जवाबदेही तय करना तथा मिलावट के लिए कड़ा दंड आदि शामिल है। सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को मसौदा नियमों पर अन्य मंत्रालयों से टिप्पणियां मिल गई हैं। लगभग सभी मंत्रालयों ने भ्रामक विज्ञापन करने वाली सेलिब्रिटी और मिलावट करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने सहित अन्य प्रावधानों पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। मिलावट पर लगाम लगाने के लिए मंत्रालय ने कड़े दंड व जुर्माने का प्रस्ताव किया है। इसके तहत लाइसेंस का निलंबन व रद्द किया जाना भी शामिल है।