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जान पहचान पर कर्ज न बांटे बैंक, गुणवत्ता पर हो ध्यान: मुख्य आर्थिक सलाहकार

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि जब पूंजी अधिक पात्र कर्जदार को नहीं जाती है तो उस अवसर की एक लागत वहन करनी पड़ती है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 09, 2021 14:47 IST
बैंक जान पहचान के आधार...- India TV Paisa
Photo:PTI

बैंक जान पहचान के आधार पर न बांटे लोन

नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियन ने मंगलवार को वित्तीय संस्थानों को नसीहत देते हुये कहा कि वह यारी- दोस्ती में कर्ज बांटने से बचें और कर्ज देते हुये उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान दें ताकि देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने माना कि 1990 के शुरुआती वर्षों में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को कमजोर गुणवत्ता के कर्ज देने की समस्या से जूझना पड़ा। खासतौर से बड़ी राशि के कर्ज उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन किये बिना दिये गये। ये कर्ज पूंजीवादी मित्रों को दिये गये जिससे कि बैंकिंग क्षेत्र में समस्या बढ़ गई।

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, ‘‘जब कभी वित्तीय क्षेत्र ऐसे किसी खास व्यक्ति को कर्ज देने का फैसला करता है जो कि कर्ज देने योग्य नहीं है लेकिन आपसे अधिक जुड़ा हुआ है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि पूंजी उपलब्ध नहीं कराई जा रही। जब पूंजी अधिक पात्र कर्जदार को नहीं जाती है तो उस अवसर की एक लागत वहन करनी पड़ती है।’’ उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र की यह ड्यूटी है कि अर्थव्यवस्था में पूंजी का उचित आवंटन हो। यह देखने की बात है कि बैंकिंग क्षेत्र में फंसे कर्ज की समस्या की बड़ी वजह यह रही कि बैंकों ने अवसंरचना क्षेत्र को अधिक कर्ज दिया। इस क्षेत्र में कई बातों को लेकर समस्या खड़ी हो रही थी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र की बेहतरी की वकालत करते हुये कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह अब काफी महत्वपूर्ण है कि वित्तीय क्षेत्र ने उच्च गुणवत्ता मानकों पर कर्ज देने की जिम्मेदारी उठाई है। खासतौर से ढांचागत परियोजनाओं के मामले में वह इसका ध्यान रख रहा है और घनिष्ठ मित्रों को कर्ज देने से बच रहा है। मेरा मानना है कि वित्तीय क्षेत्र की बेहतरी का यही एकमात्र मंत्र है। ’’

सुब्रमणियन ने वित्तीय क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता का कर्ज दिये जाने को सुनिश्चित करने के लिए कार्पोरेट गवर्नेस को मजबूत बनाने का भी सुझाव दिया। इसके साथ ही उन्होंने उच्च गुणवत्ता के कर्ज वितरण को वरिष्ठ प्रबंधकों के प्रोत्साहन के साथ जोड़े जाने का भी सुझाव दिया। सुब्रमणियन ने कहा कि विकास वित्तीय संस्थान ढांचागत परियोजनाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि ऐसी परियोजनाओं के लिये खास तरह की विशेषज्ञता की जरूरत होती है।

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