नई दिल्ली। बजट सत्र इस महीने की 29 जनवरी से शुरू होगा। संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने आज इसकी सिफारिश की। सिफारिश के मुताबिक बजट सत्र 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। जबकि सत्र का दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक जारी रहेगा। फरवरी की शुरुआत में बजट पेश किया जाना है। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार का बजट काफी अहम माना जा रहा है। सरकार इंडस्ट्री को राहत देने के लिए कई ऐलान कर चुकी है, हालांकि अभी भी कई सेक्टर राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत देखते हुए इंडस्ट्री के दिग्गज लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकार को ग्रोथ को सहारा देने के लिए बजट में कदम उठाने चाहिए जिससे रिकवरी में और रफ्तार लाई जा सके। सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि आगामी बजट ग्रोथ तेज करने पर फोकस होगा।
कोरोना संकट की वजह से इस साल सरकार के काम काज के तरीकों में काफी बदलाव देखने को मिला है। इस साल वित्त मंत्री ने बजट पूर्व बैठक टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। इसके साथ ही सरकार ने बजट के लिए पोर्टल और ई-मेल के जरिए भी सुझाव मांगे। इस साल सरकार ने आम लोगों से भी बजट के लिए सुझाव मांगे हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि नौ समूहों के 170 एक्सपर्ट्स और इंडस्ट्री के दिग्गजों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 15 वर्चुअल बैठकों में भाग लिया।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन 14 दिसंबर से 23 दिसंबर के दौरान किया। यह पहला मौका है जबकि कोविड-19 संकट की वजह से बजट-पूर्व बैठकों का आयोजन वर्चुअल तरीके से हुआ है। इन बैठकों में वित्त और पूंजी बाजार, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास, जल एवं साफसफाई, ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों, सेवा और व्यापार, बुनियादी ढांचा, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया।