नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जमीन-जायदाद के विकास से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में जेपी समूह की कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स के खिलाफ बहुमत के आधार पर किए गए फैसले में जांच का आदेश दिया है। कंपनी पर बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का कथित तौर पर दुरुपयोग करने तथा खरीदारों पर अनुचित शर्तें लगाने के आरोप हैं।
दोनों मामलों में प्रतिस्पर्धा आयोग के दो सदस्यों ने हालांकि, असहमति नोट दिया और कहा कि कंपनी की संबंधित बाजार में कोई मजबूत स्थिति नहीं है और उसके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। पहले मामले में सीसीआई के चार सदस्यों ने बहुमत के आधार पर आदेश दिया कि प्रथम दृष्ट्या ऐसा लगता है कि जेपी ग्रीन्स की ग्रेटर नोएडा में क्रीसेंट कोर्ट परियोजना में अपार्टमेंट की बुकिंग के लिए आवेदन फॉर्म में कुछ उपबंध अनुचित, एकतरफा और कंपनी के पक्ष में थे। आयोग ने विस्तृत जांच का आदेश दिया। आदेश में महानिदेशक को मामले की जांच करने और उसे 60 दिन के भीतर पूरा करने का कहा गया।
दूसरा मामला नोएडा में जेपी ग्रीन्स की क्यूब परियोजना में अपार्टमेंट की बुकिंग से संबंधित हैं। आदेश में सीसीआई चेयरमैन डी के सिकरी तथा चार अन्य सदस्यों ने बाजार में मजबूत स्थिति के दुरुपयोग और अनुचित शर्तें लगाने के कथित आरोप को लेकर डीजी से मामले की जांच के आदेश पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले, सीसीआई ने जयप्रकाश एसोसिएट्स से संबंधित अनुचित व्यापार व्यवहार से संबंधित अन्य मामले में जांच की थी। इस मामले में दो सदस्यों ने जेपी एसोसिएट्स पर 666 करोड़ रुपए के जुर्माने का आदेश दिया था लेकिन बाद में चेयरमैन और अन्य सदस्यों ने इसे खारिज कर दिया।