नई दिल्ली। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने आज गूगल के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। गूगल पर आरोप लगे हैं कि वो बाजार में अपनी मौजूदगी का गलत इस्तेमाल गूगल पे को फायदा पहुंचाने में कर रहा है। गूगल पे एक डिजिटल वॉलेट प्लेटफॉर्म है। अपने 39 पेज के आदेश में कमीशन ने कहा है कि पहली नजर में कई प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। ऐसे में कमीशन ने इस मामले में विस्तृत जांच का आदेश जारी किया है। कमीशन ने जिन प्रावधानों की बात की है वो कंपटीशन एक्ट के सेक्शन 4 में आते हैं। सेक्शन 4 बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल उठाने के बारे में है। आरोपों के मुताबिक गूगल पे को प्ले स्टोर में वरीयता मिली है और सर्च के नतीजों को गूगल पे के पक्ष में किया जाता है। जिससे गूगल पे को फायदा मिलता है।
कमीशन के मुताबिक इस कदम से गूगल पे के मुकाबले में खड़े अन्य एप को बाजार में उचित मौका नहीं मिल रहा है। कमीशन नें इस मामले में 5 कंपनियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। जिसमें अल्फाबेट इंक, गूगल एलएलसी, गूगल आयरलैंड लिमिटेड, गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज के नाम शामिल हैं।
कंपटीशन कमीशन का काम ये देखना होता है कि बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा रहे और कोई कंपनी या ब्रांड किसी बाजार या किसी सेग्मेंट में अपना कब्जा न जमा ले। क्योंकि इससे ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाओं, शुल्क जैसी शर्तों में लचीलापन खत्म होता है। साथ ही कंपटीशन के अभाव में ग्राहकों के लिए विकल्प बेहद सीमित हो जाते हैं।