नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki) पर 2 अरब रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने यह जुर्माना मारुति सुजुकी द्वारा अपने डीलर्स को कार पर अधिक डिस्काउंट न देने के लिए बाध्य करने के लिए लगाया गया है। इससे उपभोक्ताओं को नुकसान होता था।
नवंबर, 2017 में आयोग को प्राप्त एक बेनाम ईमेल के आधार पर आयोग ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था। यह ईमेल मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के डीलर द्वारा भेजा गया था। इस ईमेल में आरोप लगाया गया था कि मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री नीति उपभोक्ताओं के हितों के साथ ही साथ प्रतिस्पर्धा कानून, 2002 के प्रावधानों के खिलाफ है। डीलर ने आरोप लगाया था कि वेस्ट-2 रीजन (मुंबई और गोवा को छोड़कर महाराष्ट्र राज्य) में मारुति सुजुकी के डीलर्स को कंपनी द्वारा घोषित उपभोक्ता ऑफर में उल्लेखित सीमा से अधिक डिस्काउंट देने की अनुमति नहीं थी।
यदि कोई डीलर अतिरिक्त डिस्काउंट देता पाया जाता तो कंपनी द्वारा उस पर जुर्माना लगाया जाता। इसे एमएसआईएल की डिस्काउंट कंट्रोल पॉलिसी का नाम दिया गया। एमएसआईएल ने अपनी डीलरशिप के भीतर एक कार्टेल बनाने के लिए इस पॉलिसी को जारी किया था।
इस शिकायत की जांच के लिए आयोग ने डायरेक्टर जनरल को निर्देश दिया और रिपोर्ट सौंपने को कहा। डायरेक्टर जनरल ने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाया। रिपोर्ट में कहा गया कि मारुति ने जबरन अपने डीलर्स को डिस्काउंट देने से रोका, ऐसा करने से डीलर्स के बीच प्रतिस्पर्धा को रोकने का प्रयास किया गया और ऐसे उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया गया जिन्हें डीलर्स के स्वतंत्रता पूर्वक काम करने से कम कीमत से लाभ हो सकता था।
जांच के बाद जारी अपने आदेश में सीसीआई ने मारुति को इस तरह के कृत्यों से दूर रहने का निर्देश दिया और 60 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का आदेश दिया।
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