नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बृहस्पतिवार को भारतीय स्टेट बैंक के खिलाफ बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का नाजायज फायदा उठाने और पतंजलि आयुर्वेद और इंटरनेशनल ट्रेडर्स के खिलाफ बोली प्रक्रिया में सांठ-गांठ को लेकर दायर शिकायत को खारिज कर दी। बासमती चावल कंपनी आरएच एग्रो प्राइवेट लिमिटेड ने एसबीआई के खिलाफ यह शिकायत दायर की थी। मामला स्टेट बैंक द्वारा कंपनी के कर्ज को NPA घोषित करने के बाद उसकी संपत्तियां नीलाम करने से जुड़ा है। आरएच एग्रो का कहना है कि उसकी परिसंपत्ति नीलामी के लिए बैंक ने उसका मूल्यांकन 70 करोड़ रुपये किया। जबकि कंपनी ने जुलाई 2016 में जब सरकार से मान्यता प्राप्त आकलनकर्ता से मूल्यांकन कराया तो यह 121 करोड़ रुपये आंका गया। भारतीय स्टेट बैंक ने जनवरी 2015 में कहा था कि वर्तमान मूल्य पर मूल्यांकन 141.65 करोड़ रुपये है। उसके बाद 2016 में बैंक ने इसे ई-नीलामी के लिए रखा। कंपनी का हरियाणा के सोनीपत में विनिर्माण संयंत्र है। इस नीलामी में पतंजलि आयुर्वेद और इंटरनेशनल ट्रेडर्स ने बोलियां लगायी। बाद में पतंजलि आयुर्वेद ने 69,72,50,000 रुपये में सबसे ऊंची बोली लगाकर इसे खरीद लिया।
आरएच एग्रो का आरोप है कि नीलामी के लिए इंटनेशनल ट्रेडर्स के लिये बयाना राशि का इंतजाम पतंजलि ने उपलब्ध कराया था। इस तरह दोनों कंपनियों ने आपसी सांठ-गांठ कर ऐसा दिखाया कि दोनों अलग-अलग बोली लगा रही हैं।