नई दिल्ली। दालों के दामों में हाल के उछाल को देखते हुए सरकार ने बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया है। इसके तहत 1.5 लाख टन दालों की सरकारी खरीद की जाएगी और इस स्टॉक का इस्तेमाल खुदरा कीमतों में किसी किस्म के उछाल पर काबू पाने के लिए किया जाएगा। तुअर दाल के खुदरा दाम अब भी 190 रुपए किलो के आस पास हैं। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने जरूरत पड़ने पर दालों के आयात का भी फैसला किया है। सरकार ने अक्टूबर में घोषणा की थी कि वह दालों का बफर स्टॉक बनाएगी ताकि खुदरा बाजार में इनके दामों में उछाल आने पर बाजार में हस्तक्षेप किया जा सके।
बाजार भाव पर दाल खरीदेगी सरकार
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीसीईए ने दालों का बफर स्टॉक बनाने को अपनी मंजूरी दे दी है। यह बफर स्टाक इसी साल बनाया जाएगा। इसमें खरीफ फसल 2015-16 से लगभग 50,000 टन और रबी फसल 2015-16 की आवक से एक लाख टन दालें खरीदने को मंजूरी दी गई है। ये दालें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई, नेफेड और एसएफएसी आदि के जरिए बाजार कीमतों पर खरीदी जाएंगी। एसएफएसी यह खरीद किसान उत्पादक संगठनों के जरिए करेगी। 2015-16 की खरीफ और रबी की आवक से खरीद मूल्य स्थिरीकरण कोष से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तुलना में उंचे भाव पर की जाएगी।
कीमतें चढ़ने पर बाजार में सस्ती दाल बेचेगी सरकार
सीसीईए ने जरूरत होने पर वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले उपक्रमों के जरिए दालों के आयात का फैसला किया है। बयान के अनुसार इसके अनुसार अगर कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे चली जाती हैं, तो बफर स्टॉक के लिए दालों की खरीद कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना के तहत एमएसपी पर की जाएगी। सरकारी बयान में कहा गया है कि इससे किसान दलहनों का उत्पादन और बड़े पैमाने पर करने को प्रोत्साहित होंगे। वर्ष 2014-15 में दलहनों का उत्पादन 20 लाख टन घट कर 1.72 करोड़ टन रह गया था। भारत में दालों का उत्पादन घरेलू खपत से कम है। कमी आयात से पूरी की जाती है। दाल के बफर स्टॉक का इस्तेमाल कीमतें चढ़ने पर किया जाएगा।