नई दिल्ली: सरकार ने जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए करदाताओं के आधार सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में संशोधन किया है, जिसमें कर चोरी रोकने के विभिन्न उपाय शामिल हैं। जैसे केवल उसी बैंक खाते में जीएसटी रिफंड दिया जाएगा, जो उसी पैन से जुड़ा है, जिस पर जीएसटी पंजीकृत है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया कि एक जनवरी, 2022 से जिन व्यवसायों ने संक्षिप्त रिटर्न दाखिल करने और मासिक जीएसटी का भुगतान करने में चूक की है, वे अगले महीने की जीएसटीआर-1 बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
अधिसूचना 17 सितंबर को लखनऊ में जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने प्रोप्राइटर, साझेदार, कर्ता, प्रबंध निदेशक, पूर्णकालिक निदेशक और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के लिए आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया है। ईवाई टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि इस कदम से धोखाधड़ी वाले रिफंड के मामलों में कमी आएगी।