नयी दिल्ली: निर्यात के लिए कंटेनरों की कमी की समस्या को दूर करने के लिए कर विभाग ने घरेलू बंदरगाहों पर पड़े आयातित कंटेनरों के फिर से निर्यात की समयसीमा को और तीन महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई। वर्तमान में अगले छह महीनों के दौरान फिर से निर्यात की शर्त के साथ कंटेनरों के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति है। हालांकि कंटेनरों को छह महीने से अधिक रखना आयात के दायरे में आता है और फिर आयात शुल्क लगाया जाता है।
इस तरह के आयात शुल्क से बचने के लिए कंपनियां खाली पड़े कंटेनरों का निर्यात करती हैं। इस तरह की गतिविधियों से हालांकि निर्यात के लिए कंटेनरों की कमी समस्या बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने शनिवार को अपने फील्ड अधिकारियों से घरेलू बंदरगाहों पर पड़े आयातित कंटेनरों के फिर से निर्यात के लिए तीन महीने का और समय देने को कहा है।
आयातकों ने भी समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर लदान भाड़े की दरों में बढ़ोतरी तथा कंटेनरों की संख्या में कमी हुई है। निर्यातक समुदाय ने बार-बार कंटेनरों की कमी का मुद्दा उठाया है, क्योंकि इससे निर्यात प्रभावित होता है।