नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लावारिस, अस्पष्ट पहचान और जब्त किए गए सामानों वाले कंटेनर का जल्द से जल्द निपटान करें, ताकि निर्यातकों के लिए कंटेनरों की उपलब्धता को आसान बनाया जा सके। सीबीआईसी ने अपने फील्ड अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें सक्रिय कदम उठाने चाहिए ताकि जांच के दायरे में आने वाले आयातित कार्गो कंटेनरों को तेजी से छोड़ा जा सके।
निर्देश में कहा गया, ‘‘कंटेनरों की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि फील्ड अधिकारी बोर्ड के परिपत्र के अनुसार निर्धारित समय-सीमा और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए लावारिस/ रुके हुए/जब्त किए गए सामानों का शीघ्रता से निपटान करें, जिसमें कंटेनर शामिल हैं।’’ बोर्ड ने कहा कि फील्ड अधिकारियों ने कंटेनरों को जारी नहीं करने के लिए अदालती मामले, खुफिया एजेंसियों द्वारा रोक जैसे कारण बताए हैं।
निर्यातक समुदाय ने बार-बार कंटेनरों की कमी का मुद्दा उठाया है, क्योंकि इससे निर्यात प्रभावित होता है। लुधियाना हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि यह सरकार का एक अच्छा कदम है और निर्यातकों के लिए बहुत सारे कंटेनर उपलब्ध होंगे। रल्हन ने हालांकि कहा कि जहां अदालती मामले लंबित हैं, वहां उन कंटेनरों को पट्टे पर देना संभव नहीं होगा।
भारतीय निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि लगभग 20,000 कंटेनर अभी भी फंसे हुए हैं, क्योंकि इन्हें या तो एजेंसियों ने जब्त कर लिया है या आयातकों ने छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह संख्या बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन इस समय जब आपूर्ति अपर्याप्त है, तो इससे मदद मिलेगी।’’