नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। एफआईआर में कहा गया है कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के कुछ अधिकारी रिश्वत लेने के आरोपी हैं। मंत्रालय के अधिकारियों पर रिश्वत लेकर कुछ प्राइवेट लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप है।
दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहने वाली मोनिका गिल को इस एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह मंत्रालय के अधिकारियों को रिश्वत देकर निजी कंपनियों के लिए काम करवाती है। इसके अलावा मंत्रालय में कार्यरत अरुण कुमार सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
आंध्र प्रदेश में वेस्ट गोदावरी जिले में रहने वाले रामचंद्र राव और उसके सहयोगी एमवी कृष्णय्या नाम के दो लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा वसंतकुंज स्थित एयर इंडिया कॉलोनी में रहने वाले सुनील कुमार सिंह के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक प्राइवेट पर्सन मोनिका गिल का कई मंत्रालयों में आना-जाना है। रामचंद्र राव ने मंत्रालय के मापतौल की लैब के अप्रूवल के लिए आवेदन किया था। अप्रूवल दिलाने के लिए मोनिका गिल ने रामचंद राव से 70 लाख रुपए लिए थे। इसमें से एक लाख रुपया मंत्रालय के अधिकारी अरुण सिंह के खाते में जमा कराए गए थे।