नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर की कंपनी श्री लक्ष्मी कॉटसिन और उसके चेयरमैन-सह-प्रबंध निदेशक माता प्रसाद अग्रवाल और अन्य के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 10 बैंकों के गठजोड़ को कथित तौर पर 6,833 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगाने के लिए मामला दर्ज किया है। यह सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामलों में से एक है।
सीबीआई के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि माता प्रसाद अग्रवाल के अलावा, एजेंसी ने कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक और गारंटर पवन कुमार अग्रवाल, निदेशक एवं गारंटर शारदा अग्रवाल तथा और उप प्रबंध निदेशक देवेश नारायण गुप्ता को भी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद किया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने शनिवार को नोएडा, रुड़की कानपुर और फतेहपुर में नौ स्थानों पर छापेमारी की। बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, "उक्त आरोपी व्यक्तियों/इकाइयों ने फर्जीवाड़े और बेईमानी से, जानबूझकर शिकायतकर्ता बैंक को धोखा दिया है जिससे उसे गलत तरीके से नुकसान हुआ है।" शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के साथ गलत जानकारी पेश की और धोखाधड़ी की।