नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईडीबीआई बैंक के पूर्व महाप्रबंधक बट्टू रामा राव तथा 30 अन्य लोगों के खिलाफ कथित रूप से बैंक से 445.32 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड और मत्स्य खेती ऋण हासिल किए गए। एजेंसी का आरोप है कि 2009-10, 2010-11 और 2011-12 के दौरान 21 एग्रीगेटर समूहों के 220 लोगों ने 192.98 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इन लोगों ने बैंक के पूर्व महाप्रबंधक बट्टू रामा राव के साथ आपराधिक साजिश कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह कर्ज लिया। यहीं नहीं उन्होंने कर्ज के लिए जमानत का मूल्य भी बढ़ाचढ़ाकर दिखाया है।
इसके बाद यह ऋण गैर निष्पादित आस्तियां बन गया। 30 सितंबर, 2017 तक कर्जदारों का कुल बकाया बढ़कर 445.32 करोड़ रुपये हो गया। आरोप है कि कर्ज लेने वाले लोगों ने राव, मुख्य महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त्) (दक्षिण चेन्नई) आर दामोदरन, बैंक के पैनल मूल्यांककों के साथ सांठगाठ में यह कर्ज हासिल किया। राव उस समय आईडीबीआई की बशीराबाग शाखा में कार्यरत थे। सीबीआई का आरोप है कि मंजूर कर्ज का इस्तेमाल उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया, जिसके लिए यह लिया गया था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि ऋण राशि बैंक द्वारा कर्जदारों के खातों में डाली गई जिसे बाद में व्यक्तिगत बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया। बाद में इस राशि को निकाल लिया गया। इसका राशि का का इस्तेमाल मत्स्य पालन के लिए नहीं बल्कि व्यक्तिगत मामलों के लिए किया गया।