नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जीवीके ग्रुप के चेयरमैन डा. जीवीके रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दोनों ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एमआईएएल) के साथ लगभग 800 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। जीवी संजय रेड्डी जीवीके ग्रुप के वाइस चेयरमैन और एमआईएएल के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। जीवीके रेड्डी एमआईएएल बोर्ड में डायरेक्टर हैं।
एमआईएएल एक संयुक्त उपक्रम है। इसमें जीवीके ग्रुप, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कुछ विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी है। 2006 में हुए समझौते के मुताबिक एमआईएएल अपने राजस्व का 38.7 प्रतिशत हिस्सा वार्षिक शुल्क के तौर पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देगी। एमआईएएल के शेष राजस्व का इस्तेमाल मुंबई एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण, संचालन और रखरखाव में किया जाएगा।
एफआईआर में कहा गया है कि जीवीके ग्रुप के प्रवर्तकों ने एमआईएएल में अपने कर्मचारियों और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अज्ञात कर्मचारियों के साथ मिलकर धन की हेराफेरी की है। एफआईआर में आरोप है कि फर्जी वर्क कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिये ये हेराफेरी की गई है। एमआईएएल के सरप्लस फंड का गलत इस्तेमाल किया गया और कंपनी के खर्चों को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया गया।
2017-18 में एमआईएएल ने 9 कंपनियों को फर्जी वर्क कॉन्ट्रैक्ट दिया, जससे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 310 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एफआईआर में कहा गया है कि जीवीके ग्रुप 2012 से एमआईएएल के रिजर्व फंड का गलत इस्तेमाल कर अपनी ग्रुप कंपनियों को वित्तपोषित कर रहा था, इससे 395 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
जीवीके ग्रुप ने अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और कर्मचारियों की कंपनियों के साथ समझौता कर एमआईएएल के सरप्लस फंड का गलत इस्तेमाल किया। ग्रुप ने स्वयं के लिए और जीवीके के ऐसे कर्मचारियों के लिए ट्रेन,एयर ट्रेवल टिकट और होटल बुकिंग की, जो एमआईएएल से संबंधित नहीं थे।