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पुराने मामलों में टैक्स भुगतान करने पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी, केयर्न और वोडाफोन जैसी कंपनियों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित टैक्स मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है।

Dharmender Chaudhary
Published : March 26, 2017 18:07 IST
पुराने मामलों में टैक्स भुगतान करने पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी, केयर्न और वोडाफोन जैसी कंपनियों को मिलेगा फायदा
पुराने मामलों में टैक्स भुगतान करने पर ब्याज की छूट देगा सीबीडीटी, केयर्न और वोडाफोन जैसी कंपनियों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली। केयर्न इंडिया और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियां यदि बाद की पीछे की तिथि से प्रभावी टैक्स कानून के तहत पूंजीगत लाभ टैक्स मामले में टैक्स की मूल राशि का भुगतान कर देती हैं, तो कर विभाग उस पर ब्याज देनदारी को समाप्त कर सकता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित टैक्स मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में, जिनमें टैक्स देनदारी कानून में पिछली तारीख से संशोधन या अदालत के फैसले की वजह से बनी है, कर मांग पर ब्याज माफ कर दिया जाएगा। मुख्य आयुक्त आयकर और आयकर महानिदेशक को सीबीडीटी के दिशानिर्देशों में कहा गया है, मूल मांग के पूर्ण भुगतान न किए जाने या मूल राशि के भुगतान की संतोषजनक व्यवस्था नहीं होने पर ब्याज माफ नहीं किया जाएगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल 28 फरवरी को प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना की घोषणा की थी। उसके सात सप्ताह बाद ये दिशानिर्देश आए हैं। 31 जनवरी को समाप्त हुई योजना में यह प्रावधान है कि यदि पुरानी तारीख के मामलों में मूल राशि चुका दी गई है। आयकर कानून में पिछली तारीख से संशोधनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपीलें वापस ले ली गई हैं तो ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा।

वोडाफोन को पिछले की तारीख से प्रभावी कानूनी संशोधन के अधार पर 2007 में हांगकांग की हचिसन वाम्पोआ की भारत में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी 11 अरब डॉलर में खरीदने के सौदे में दूसरी कंपनी को किए गए भुगतान पर कर संग्रहण नहीं करने के लिए मामले में 14,200 करोड़ रुपए का कर अदा करने को कहा गया है। इसी तरह ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 29,000 करोड़ रुपए का नोटिस गया है। इसमें 10,247 करोड़ रुपए के टैक्स की मूल राशि और बाकी ब्याज है। केयर्न एनर्जी ने 2006 में अपने भारतीय कारोबार को नई अनुषंगी केयर्न इंडिया में स्थानांतरित किया था और उसे बाजार में सूचीबद्ध करा दिया था। इस पुनर्गठन कथित रूप से हुए पूंजीगत लाभ के लिए यह कर मांग की गई है।

इसी के साथ कर विभाग ने केयर्न इंडिया पर 2006-07 में उसकी पूर्ववर्ती मूल कंपनी केयर्न एनर्जी को भारतीय कारोबार को पुनर्गठित करने से पूंजीगत लाभ पर विदहोल्डिंग टैक्स की कटौती नहीं करने मामले में 20,495 करोड़ रुपए का कर अदा करने का नोटिस दिया है। व्याज में छूट संबंधी इस कर समाधान योजना की तिथि 31 जनवरी को बंद हो गई। कर योजना मुख्य रूप से केयर्न एनर्जी और वोडाफोन को ध्यान में रख कर लाई गई थी। नए दिशानिर्देश केयर्न इंडिया के साथ वोडाफोन पर भी लागू होंगे। केयर्न एनर्जी और न ही वोडाफोन ने 31 जनवरी को बंद हुई इस योजना का लाभ नहीं उठाया था। दोनों कंपनियों ने इस टैक्स मांग को लेकर भारत को पंचाट में घसीटा है।

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