नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्पष्ट किया है कि आगामी 1 जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया स्थाई खाता संख्या (PAN) हासिल करने के लिए आधार नंबर का उल्लेख करना जरूरी होगा। आयकर विभाग की इस नीति निर्माता संस्था सीबीडीटी ने एक वक्तव्य जारी कर यह स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केवल उन लोगों को आंशिक राहत दी है, जिनके पास आधार नंबर नहीं है अथवा जिन्होंने आधार में पंजीकरण नहीं कराया है, ऐसे में कर अधिकारी उन लोगों के पैन को निरस्त नहीं करेंगे। यह भी पढ़े:पैन कार्ड बनवाने और I-T रिटर्न फाइल करने के लिए आधार बताना इनके लिए जरूरी नहीं, सरकार ने दी राहत
CBDT ने स्पष्ट किया
सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में तीन बिंदुओं का स्पष्टीकरण जारी किया है। एक जुलाई 2017 से प्रत्येक व्यक्ति जो कि आधार पाने के लिए पात्र है उसके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने या फिर पैन आवेदन के लिए अपने आधार नंबर का उल्लेख अथवा आधार पंजीकरण संबंधी आईडी नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। यह भी पढ़े: टैक्स चोरों का बचना अब नामुमकिन, सरकार ने लॉन्च किया क्लीन मनी पोर्टल
जिसके पास आधार नहीं है?
विभाग ने इस बारे में भी स्पष्टीकरण दिया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास आधार नंबर नहीं है अथवा आधार नंबर का उल्लेख नहीं किया जाता है तो उसका क्या होगा। इस मामले में विभाग ने कहा है, इस मामले में शीर्ष अदालत ने केवल आंशिक राहत ही दी है। यह राहत उन लोगों को दी गई है, जिनके पास आधार नहीं है या जो फिलहाल आधार नहीं लेना चाह रहे हैं। उन लोगों के मामले में पैन नंबर निरस्त नहीं किया जाएगा ताकि आयकर अधिनियम के तहत पैन नंबर का उल्लेख नहीं करने संबंधी दूसरे नियमों का खामियायजा उन्हें नहीं भुगतना पड़े। यह भी पढ़े: अब एक दिन में मिलेगा PAN और TAN नंबर, बिजनेस को आसान बनाने के लिए CBDT ने उठाया कदम
PAN निरस्त होने पर क्या होगा?
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने बताया यदि पैन को निरस्त कर दिया जाता है तो संबंधित व्यक्ति अपने सामान्य बैंकिंग और वित्तीय परिचालन कार्यों को नहीं कर पाएगा, इसलिए यह राहत दी गई है। लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया पैन यदि बनाना है तो आधार का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शीर्ष अदालत के कल के फैसले का कानून मंत्रालय, वित्तीय मंत्रालय, सीबीडीटी और आयकर विभाग के अधिकारियों ने अध्ययन किया है और उसके बाद ही यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है। यह भी पढ़े: नोटबंदी के दौरान क्रेडिट कार्ड और लोन के 2 लाख रुपए के नकद पेमेंट का ITR में करना होगा जिक्र