नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेशन (सीबीडीटी) ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और टैक्स-पेयर्स के बीच ईमेल के बीच पत्र व्यवहार को मान्यता दे दी। बोर्ड ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है। यह कदम विभागों के काम काज में व्यक्तिगत उपस्थिति की अनिवार्यता घटाने और उत्पीड़न व भ्रष्टाचार की शिकायतों को दूर करने की सरकार की ई-पहल के तहत यह कदम उठाया गया है।
ई-मेल से होगी पूछताछ
आयकर विभाग ने मामलों की पड़ताल की प्रक्रिया के दौरान करदाताओं को ई-मेल से ही पूछताछ, नोटिस और सम्मन भेजने की एक पायलट परियोजना हाल ही में शुरू की है, इसलिए इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए आयकर कानून में संशोधन की भी दरकार थी। सीबीडीटी द्वारा जारी अधिसूचना 89 के मुताबिक, कुरियर, डाक या विभागीय डिस्पैच के मौजूदा माध्यमों के साथ ही करदाताओं या कर भुगतान करने वाली इकाइयों के ईमेल को पत्र व्यवहार के आधिकारिक माध्यम के तौर पर मान्यता देने के लिए आयकर कानून (नोटिस तामील) की धारा 282 में संशोधन किया गया है।
ई-मेल से ग्राहकों और सरकार दोनों का काम होगा आसान
इस प्रकार से, कर अधिकारी अब आयकर रिटर्न में उपलब्ध ईमेल पते पर ई-मेल से सरकारी पत्र व्यवहार कर सकते हैं। इसी तरह करदाता पर आयकर अधिकारी या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति के साथ ई-मेल के जरिए पत्र व्यवहार कर सकता है। विभाग ने पायलट परियोजना में पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई में 100 चयनित करदाताओं के साथ इ-मेल के जरिए उनके संबंधित मामलों में ई-मेल से सूचना एवं संपर्क किया। सीबीडीटी की पूर्व प्रमुख अनिता कपूर ने हाल में कहा था कि पहली बार की गई इस पहल का मकसद करदाताओं की सुविधा के लिए है।