नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं की शिकायतों के बाद एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसे इस्तेमाल करना आसान है। करदाताओं ने डिजिटल हस्ताक्षर वाले आयकर रिटर्न दाखिल करने में दिक्कतों की शिकायत की थी। करदाताओं का कहना था कि अपने आयकर रिटर्न अपलोड करते समय उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणन के इस्तेमाल में दिक्कत होती है।
ऐस होगा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
सीबीडीटी ने कहा है, ‘यह दिक्कत ब्राउजर के नए संस्करणों और उनके सुरक्षा संबंधी प्लग इन व्यवस्था के कारण है। इन दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए और डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणन (डीएससी) सहित आयकर रिटर्न अपलोड करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नई सॉफ्टवेयर इकाई विकसित की गई है। इससे करदाता के कंप्यूटर पर डाउनलोड करना होगा। डीएससी के इस्तेमाल के लिए इसका उपयोग करना होगा। गौरतलब उल्लेखनीय है कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां डिजिटल हस्ताक्षर कानून है।
ऑनलाइन रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़ी
आयकर विभाग द्वारा प्रौद्योगिकी आधारित अनेक कदम उठाए जाने के बीच ऑनलाइन जमा कराए जाने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) की संख्या मौजूदा वित्त वर्ष में दिसंबर तक 27.22 फीसदी बढ़ी है। आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से दिसंबर की अवधि में कुल मिलाकर 3.09 करोड़ आईटीआर ऑनलाइन दाखिल किए गए। पूर्व वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 2.43 करोड़ रही थी। वित्त वर्ष 2014-15 में कुल मिलाकर 3.41 करोड़ रिटर्न इलेक्ट्रॉनिकली या ऑनलाइन भरे गए।