नई दिल्ली। अगले साल अप्रैल से कर संबंधी सामान्य परिवर्जन रोधी नियम (गार) की शुरुआत की तैयारियां करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नई प्रणाली के प्रावधानों पर आम जनता तथा सभी भागीदारों के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू की। CBDT ने एक बयान में कहा है, आम लोगों व भागीदारों से आग्रह करते हैं कि वे गार के उन प्रावधानों के बारे में जानकारी, प्रतिक्रिया दें, जिनके बारे में और स्पष्टता की जरूरत है।
कर चोरी पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत सरकार गार लागू कर रही है। बयान के अनुसार गार आकलन वर्ष 2018-19 (वित्त वर्ष 2017-18) से लागू हो जाएगा। गार के प्रावधान आयकर कानून, 1961 में शामिल किए गए हैं। CBDT को गार के कार्यान्वयन के संबंध में उद्योग संगठनों से ज्ञापन मिले थे। उसने भागीदारों से 30 जून तक स्पष्टीकरण मांगने को कहा है।
उद्योग जगत चाहता है कि CBDT दिशा निर्देश जारी करे ताकि गार के कार्यान्वयन के संबंध में पर्याप्त स्पष्टता आ सके। इसके साथ ही CBDT ने भागीदारों से कहा है कि विभिन्न प्रावधानों पर स्पष्टीकरण चाहते समय कल्पित समाधानों का जिक्र करने से बचा जाए।
यह भी पढ़ें- CBDT ने ई-अपील की समयसीमा बढ़ाकर 15 जून की, करदाताओं को हो रही थी परेशानी